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वाशिंगटन प्रतिबंध हटाए तभी परमाणु समझौते का करेगे अनुपालन : अयातुल्ला अली खामेनेई
Kajal Dubey
7 Feb 2021 2:27 PM GMT
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तेहरान वर्ष 2015 के परमाणु समझौते का अनुपालन करेगा, लेकिन यह तभी संभव है जब वाशिंगटन इस्लामिक रिपब्लिक देश से प्रतिबंध हटाए।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | तेहरान वर्ष 2015 के परमाणु समझौते का अनुपालन करेगा, लेकिन यह तभी संभव है जब वाशिंगटन इस्लामिक रिपब्लिक देश से प्रतिबंध हटाए। यह बात ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने रविवार को कही। बता दें कि अमेरिका ने पांच अन्य महाशक्तियों के साथ मिलकर ईरान के साथ 14 जुलाई, 2015 को परमाणु समझौता किया था। संयुक्त व्यापक कार्रवाई योजना (JCPOA) को ही 'परमाणु डील' के नाम से जाना जाता है।
समझौते के तहत परमाणु हथियारों को विकसित करने के लिए ईरान की यूरेनियम संवर्धन सुविधाओं पर तमाम तरह की पाबंदियां लगा दी गई थीं। वर्ष 2018 में समझौते को ईरान के लिए लाभदायक बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इससे बाहर आ गए। उन्होंने ईरान पर नए प्रतिबंध लगा दिए, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई।
अमेरिका को हटाने होंगे सभी प्रतिबंध
एयरफोर्स कमांडरों के साथ बैठक के बाद सरकारी टीवी ने खामेनेई के हवाले से कहा, 'ईरान ने समझौते के तहत अपने सभी दायित्वों को पूरा किया है। अगर वह चाहते हैं कि हम समझौते में वापस लौटें तो अमेरिका को सभी तरह के प्रतिबंध हटाने होंगे। जब हमें पूरी तरह यकीन हो जाएगा कि प्रतिबंधों को सही तरह से हटा लिया गया है तो हम इसमें फिर से शामिल हो जाएंगे। यह अंतिम और अपरिवर्तनीय निर्णय है और सभी ईरानी अधिकारियों ने इस पर सहमति व्यक्त की है।' पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभालने वाले जो बाइडन ने कहा था कि अगर तेहरान समझौते का कड़ाई से अनुपालन करता है तो वाशिंगटन भी सकारात्मक रवैया अपनाएगा।
बता दें कि ईरान लगातार यह बात कहता रहा है कि अगर अमेरिका प्रतिबंध हटाता है तो वह उन कामों को जल्द से जल्द बंद कर देगा, जिस पर पश्चिमी देश विरोध जताते रहे हैं। अगर उसने देश के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम और पश्चिम एशिया में तेहरान के प्रभुत्व को लेकर किसी तरह की बातचीत से इन्कार किया है। पश्चिम एशिया में सऊदी अरब के साथ उसका लंबे समय से छद्म युद्ध चल रहा है।
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