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खौफ: लोगों में अफगानिस्तान छोड़ने की होड़, पासपोर्ट आवेदन के लिए लग रहीं लंबी कतारें

Subhi
29 July 2021 1:33 AM GMT
खौफ: लोगों में अफगानिस्तान छोड़ने की होड़, पासपोर्ट आवेदन के लिए लग रहीं लंबी कतारें
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अमेरिका और नाटो सेनाओं की वापसी के साथ ही तालिबान के बढ़ते प्रभाव और कब्जे से अफगानिस्तान के नागरिकों में खौफ काफी ज्यादा है।

अमेरिका और नाटो सेनाओं की वापसी के साथ ही तालिबान के बढ़ते प्रभाव और कब्जे से अफगानिस्तान के नागरिकों में खौफ काफी ज्यादा है। इसी के चलते अफगान नागरिक जल्द से जल्द देश छोड़ना चाहते हैं। इस कारण काबुल में पासपोर्ट कार्यालय के बाहर लोगों की भारी भीड़ उमड़ने लगी है। खुद पासपोर्ट की लाइन में लगने वाले लोग कहते हैं कि बिगड़ते हालात में हमें कभी भी देश छोड़ना पड़ सकता है।

दरअसल, अफगानिस्तान के ग्रामीण क्षेत्रों में तालिबान जिस तरह से पैर पसार रहा है, उसके चलते साधन संपन्न अफगानी नागरिक विदेश जाने का रास्ता तलाश रहे हैं। काबुल में सुबह 8 बजे से पासपोर्ट की लंबी कतार में लगे 52 वर्षीय अब्देल खालिद नबियार कभी नाटो सैन्य ठिकाने पर दुकान चलाते थे लेकिन अब असुरक्षित महसूस करते हैं। वे कहते हैं कि हालात खराब होने से पहले लोग चाहते हैं कि वे तैयार रहें।

यहीं पर व्यवस्था बना रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया आमतौर पर 2,000 के मुकाबले अब एक ही दिन में 10,000 लोग आवेदन के लिए आ रहे हैं। सुबह 5 बजे से 36 वर्षीय इंजीनियर खुलीलुल्लाह अपनी पत्नी और बच्चों समेत पासपोर्ट कार्यालय पर आ गए थे। उन्होंने बताया कि उनसे पहले ही 300 लोग कतार में लग चुके थे। उन्होंने बताया कि अब इस देश में रहना परिजनों की जान से खेलना हैउज्जवल भविष्य की उम्मीद व्यर्थ है

पासपोर्ट आवेदकों की कतार में लगी 23 वर्षीय कंप्यूटर साइंस की छात्रा जीनत बहार नजरी ने बताया कि जब हम बच्चे थे, हमारे परिजनों ने कहा कि तालिबान ने लोगों को मार डाला और उन्हें गायब कर दिया। वे महिलाओं के प्रति हिंसक थे। लेकिन तब वे बहुत छोटी थीं, जबकि अब वह जो देख रही हैं उससे पता चलता है कि यदि वे आगे बढ़ने के लिए पढ़ाई की सोचें तो उज्जवल भविष्य की उनकी आशा व्यर्थ है। उन्होंने कहा, तालिबान सिर्फ आतंक का चेहरा है जो सिर्फ लड़ाई, आत्मघाती धमाके और खूनखराबे पर भरोसा करता है। 52 वर्षीय सरदार कहते हैं, हमारा जीवन खतरे में है, हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।

चीन पहुंचा तालिबान, विदेश मंत्री को दिया सुरक्षा का दिया आश्वासन

अमेरिकी सैन्य वापसी के साथ अफगानिस्तान के 90 फीसदी इलाके को कब्जाने का दावा करने वाला तालिबान प्रतिनिधिमंडल मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में पहली बार चीन पहुंचा है। इन नेताओं ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात कर उन्हें आश्वस्त किया है कि अफगान सरजमीं का इस्तेमाल चीन की सुरक्षा के खिलाफ नहीं किया जाएगा।

तालिबान प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने ट्वीट किया कि तियानजिन की बैठक में राजनीति, अर्थव्यवस्था, दोनों देशों की सुरक्षा, अफगानिस्तान के मौजूदा हालात और शांति प्रक्रिया के मुद्दों पर चर्चा हुई। अफगानिस्तान की सीमा चीन के शिनजियांग से मिलती है जहां उइगर बड़ी संख्या में हैं और तालिबान से संपर्क में हैं। चीन की चिंता यह है कि तालिबान ने चीन से लगी सीमा पर कब्जा कर लिया है। लेकिन पाक के प्रभाव में तालिबान चीन से रिश्ते बनाने में रुचि दिखा रहा है। उसने चीन को अपना दोस्त करार दिया।

स्पिन बोल्डक : तालिबान ने शुरू की टैक्स वसूली

अफगानिस्तान के कई हिस्सों को अपने कब्जे में ले चुका तालिबान अब यहां पर टैक्स वसूली करने लगा है। देश के सीमावर्ती जिले स्पिन बोल्डक पर कब्जा करने वाले तालिबान ने मंगलवार को नया टैक्स लगाया और अपनी चौकियां बनाकर अफगानिस्तान में आने या पाकिस्तान जाने वाले सामानों पर टैक्स लेना शुरू कर दिया। एक दिन पहले ही पाक ने दो सप्ताह बाद व्यापार गतिविधियों के लिए अपनी सीमाएं खोली हैं। नाम न छापने की शर्त पर काबुल के सरकारी अधिकारियों ने बताया कि तालिबान अब अफगानिस्तान में प्रवेश करने वाले या पाकिस्तान जाने वाले ट्रकों और कंटेनरों से भी टैक्स वसूली कर रहा है।


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