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बलिदान और पराक्रम पर मिलते हैं अवॉर्ड, निशान-ए-हैदर है सबसे बड़ा सम्‍मान

Shiddhant Shriwas
20 Oct 2021 9:47 AM GMT
बलिदान और पराक्रम पर मिलते हैं अवॉर्ड, निशान-ए-हैदर है सबसे बड़ा सम्‍मान
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आतंकवाद के लिए पूरी दुनिया में मशहूर पाकिस्‍तान (Pakistan)ने भारत (India) पर कई हमले किए लेकिन हर बार मुंह की ही खाई

आतंकवाद के लिए पूरी दुनिया में मशहूर पाकिस्‍तान (Pakistan)ने भारत (India) पर कई हमले किए लेकिन हर बार मुंह की ही खाई. हालांकि इतनी बार हारने के बाद भी पाकिस्‍तान की अकल ठिकाने नहीं आती है. खैर, अब सवाल यह उठता है कि युद्धों (Battles) में हारने के बाद भी पाकिस्‍तानी आर्मी (Pakistan Army) के अफसर अपनी वर्दी पर इतने सारे मैडल क्‍यों लगाए रहते हैं. यहां तक कि युद्ध न होने की स्थिति में भी यहां के अफसरों को अवॉर्ड (Pakistan Military Awards) दिए जाते हैं. इसके पीछे एक खास वजह है.

बलिदान और पराक्रम पर मिलते हैं अवॉर्ड

पाकिस्‍तानी फौज के अफसरों को युद्ध के नतीजे के आधार पर नहीं बल्कि उनकी बहादुरी और बलिदान के आधार पर अवॉर्ड दिए जाते हैं. उदाहरण के लिए पाकिस्‍तान भले ही कारगिल की लड़ाई (Kargil War) भारत से हार गया था लेकिन उसने अपने कई अफसरों को इस जंग के लिए अवॉर्ड दिए थे. इतना ही नहीं जिन युद्धों के कोई नतीजे ही नहीं निकले उनका जश्‍न मनाकर भी पाकिस्‍तान अपने अफसरों का अवॉर्ड बांटता है. इसके अलावा आंतरिक मसलों को निपटाने के लिए सेना के अधिकारियों द्वारा दिखाई गई बहादुरी पर भी पाकिस्‍तान सरकार (Pakistan Government) उन्‍हें अवॉर्ड देती है.

अफसरों को दिए जाते हैं ये अवॉर्ड

जिस तरह भारत में सेना के अफसरों को महावीर चक्र, परमवीर चक्र और नागरिकों को भारत रत्‍न, पद्म अवॉर्ड आदि दिए जाते हैं, वैसे ही पाकिस्‍तान में भी ये अवॉर्ड दिए जाते हैं. जैसे- निशान-ए-हैदर, हिलाल-ए-जुरत, सितारा ए जुरत, तमगा ए जुरत और इम्तियाजी सनद आदि. पाकिस्‍तान आर्मी की अधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक निशान-ए-हैदर वहां का सबसे बड़ा सैन्‍य सम्‍मान है. वहीं तमगा-ए-इम्तियाज वहां का सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान है, जो कि कुछ समय पहले अंडर वर्ल्‍ड डॉन दाऊद इब्राहिम की कथित गर्लफ्रेंड और एक्‍ट्रेस मेहविश हयात को दिया गया था.

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