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यह अध्ययन 'लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल' में प्रकाशित हुआ है
कैनबरा, एएनआइ। शोधकर्ताओं की एक टीम ने पाया है कि आस्ट्रेलिया में विकसित नवजातों की एक नई रोटावायरस वैक्सीन आरवी3-बीबी पूरी तरह सुरक्षित है और उसने अफ्रीकी शिशुओं की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में काफी वृद्धि की है। यह अध्ययन 'लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल' में प्रकाशित हुआ है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि वैक्सीन की कम मात्रा वाली खुराक ने भी प्रतिरक्षा पर उच्च मात्रा वाली खुराक की तरह ही असर डाला। इससे निर्माताओं को वैक्सीन उत्पादन लागत कम करने का मौका मिला। अन्य रोटावायरस वैक्सीन डायरिया के कारण मौतों व अस्पताल में भर्ती होने की दर को कम करती हैं, लेकिन उच्च बाल मृत्युदर वाले देशों में कम प्रभावी हैं।
आरवी3-बीबी की अनूठी विशेषताओं ने जन्म के तुरंत बाद दी जाने वाली पहली खुराक के साथ ही अफ्रीका व एशिया के बच्चों में घातक रोटावायरस डायरिया के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित की। आस्ट्रेलिया के मर्डोक चिल्ड्रन रिसर्च इंस्टीट्यूट (एमसीआरआइ), मलावी लिवरपूल वेलकम क्लिनिकल रिसर्च प्रोग्राम व ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी आफ लिवरपूल के शोधकर्ताओं ने पाया है कि आस्ट्रेलिया में विकसित रोटावायरस वैक्सीन की कम खुराक ने अफ्रीका में घातक डायरिया के जोखिम वाले बच्चों में एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा की।
स्टेज-2 के क्लिनिकल परीक्षण का सह-नेतृत्व मर्डोक संस्थान की प्रोफेसर जूली बिन्स व यूनिवर्सिटी आफ लिवरपूल के प्रोफेसर निगेल कुनलिफ ने किया था।
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