पशुचिकित्सक ज्ञान प्रकाश ने बताया कि कई बार पक्षि नई जगह को एडोप्ट नहीं कर पाते। वहां के वातावरण में घुलने-मिलने में समय लगता है। यही कारण है कि माचिया में आने के बाद इन पक्षियों में प्रजनन नहीं हो पाया। प्रजनन शुरु होते ही इनका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। केज में नेट लगाकर अलग व्यवस्था की गई है ताकि अंडों को हानी ना पहुंचे। मादा ऐमू को पानी में डालकर मल्टी विटामिन दिया जा रहा है। साथ ही भीगे दाने और रिजगा दिया जा रहा है। डाइट का विशेष ध्यान रखा जा रहा है |
माचिया सफारी पार्क के चिडियाघर में वर्तमान में 7 ऐमू पक्षी है। इसमें 3 मादा है और 4 नर है। तीन मादा में से दो मादाओं में प्रजनन शुरु हुआ है। एक मादा ने 7 अंडे दिया इसमें से 5 में हेचिंग हो गई है। दो चुजे एक दो दिन में निकल जाएंगे। दूसरी मादा ने अब तक दो अंडे दिए है। इनका जैविक उद्यान में प्रजनन दर्शाता है कि इनको दी जाने वाली खुराक, इनके रखे जाने का एंकलोज़र इनके रहने के अनूकुल है। एमु पक्षी का जोड़ा सामान्यतः 6-8 अंडे 1 प्रजनन काल में देता है इनसे चूज़े निकलने में 45 से 50 दिन का समय लगता है। अफ्रिकन ऑस्ट्रिच विश्व स्तर पर सबसे विशाल पक्षी है उसके बाद सोमाली आस्ट्रीच, ऑस्ट्रेलियन केसोबेरी की दो प्रजातिया है इसके बाद पांचवे नम्बर पर विशाल पक्षी के रुप में ऑस्ट्रेलियन ऐमू आता है। पश्चिमी राजस्थान में जोधपुर के अलावा जैसेलमेर व बीकानेर में इन पक्षियों को रखा गया है।