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मानहानि कानूनों को बदलने के लिए एक बड़ा प्रयास हो सकता है।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले यूजर्स की पहचान सामने लाने के लिए एक नया बिल पेश करेंगे। बिल के तहत फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अपमानजनक टिप्पणी करने वाले गुमनाम यूजर्स की पूरी जानकारी इकट्ठा करनी होगी। इस बिल से कोर्ट मानहानि के मामलों में मदद के लिए सोशल मीडिया कंपनियों को यूजर्स की पूरी पहचान सौंपने के लिए मजबूर कर सकती है। सोशल मीडिया कंपनियों को उन लोगों के लिए एक शिकायत प्रक्रिया बनाने की जरूरत होगी, जिन्हें लगता है कि उन्हें किसी तरह ऑनलाइन बदनाम किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा कि इस हफ्ते बिल ड्राफ्ट फॉर्म में जारी किया जाएगा और अगले साल की शुरुआत में बिल संसद में पेश हो सकता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल दुनिया में भी कानून होने चाहिए। ऑनलाइन दुनिया एक जंगली पश्चिम नहीं होनी चाहिए, जहां यूजर्स गुमनाम होकर लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
मॉरिसन ने बताया कि एक नए कानून के तहत अगर यूजर अपमानजनक कंटेंट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए तैयार नहीं है और शिकायतकर्ता आगे की कार्रवाई करना चाहता है। इसके लिए कंपनी को अपमान करने वाले यूजर से उसकी व्यक्तिगत जानकारी सामने लाने की सहमति मांगनी होगी, लेकिन अगर यूजर अपनी व्यक्तिगत जानकारी सामने लाने के लिए सहमत नहीं है। ऐसे में अदालत कंपनी को शिकायतकर्ता की कार्रवाई के तहत यूजर की जानकारी सामने लाने का आदेश देगी।
प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा हम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर टेस्ट के तौर पर ऐसे मामलों की तलाश करेंगे, जिससे यह बिल मजबूत हो सके. उन्होंने कहा कि हम अदालतों में शिकायतकर्ता का समर्थन करेंगे और आरोपियों पर कार्रवाई भी करेंगे। बता दें कि ट्विटर और फेसबुक दोनों ने अभी तक इस बिल पर कोई ब्यान नहीं दिया है, लेकिन अगर यह बिल ऑस्ट्रेलिया के संसद में पास हो जाता है तो यह ऑस्ट्रेलिया के मानहानि कानूनों को बदलने के लिए एक बड़ा प्रयास हो सकता है।
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