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तालिबान राज में पाकिस्‍तान पर हमले तेज, भारत ने बढ़ाई पकड़

Rounak Dey
4 Dec 2022 8:31 AM GMT
तालिबान राज में पाकिस्‍तान पर हमले तेज, भारत ने बढ़ाई पकड़
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यही नहीं तालिबान के राज में तहरीक-ए-तालिबान आतंकियों ने पाकिस्‍तान पर हमले तेज कर दिया है।
काबुल: अफगानिस्‍तान में तालिबान राज आने के बाद पाकिस्‍तान को उम्‍मीद थी कि वह अब इस युद्धग्रस्‍त देश पर पर्दे के पीछे से राज करेगा। यही वजह थी कि पाकिस्‍तान की सरकार और सेना ने तालिबान की खुलकर मदद की। हालांकि अफगानिस्‍तान में तालिबान राज आने के एक साल बाद हालात बहुत खराब हो गए हैं। एक तरफ अफगान सीमा पर जहां पाकिस्‍तान और तालिबान के बीच जंग जैसे हालात हैं, वहीं राजधानी काबुल में पाकिस्‍तानी राजदूत को जान से मारने की कोशिश हुई है। इस बीच भारत बहुत तेजी से तालिबान सरकार में भी अपनी पकड़ को फिर से मजबूत कर चुका है। यही नहीं भारत के हरी झंडी दिखाने के बाद अब जापान भी अफगानिस्‍तान में दूतावास खोलने जा रहा है।
हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक जापान ने इस साल जब अफगानिस्‍तान में फिर से दूतावास खोलने पर विचार शुरू किया था तब उसने भारत से सलाह ली थी ताकि जमीनी हालात की सटीक जानकारी ली जा सके। भारत ने इस साल जून 2022 में ही अपने दूतावास को सीमित रूप से खोल दिया था। भारत की सलाह के बाद जापान ने भी अपनी योजना को आगे बढ़ाया और 21 अक्‍टूबर को इसका ऐलान कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक यह बताता है कि भारत ने एक बार फिर से तालिबान राज में भी अफगानिस्‍तान में अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है।
आईएसआई और तालिबान के बीच करीबी रिश्‍ते
इससे पहले तालिबान राज आने के ठीक पहले भारत ने खुद को पूरी तरह से काबुल से निकाल लिया था। भारत के इस कदम पर विदेशी मामलों के विशेषज्ञों ने सवाल उठाए थे। भारत के जाने के बाद इस बात की आशंका बढ़ गई थी कि पाकिस्‍तान अफगानिस्‍तान का खुलकर इस्‍तेमाल करेगा। पाकिस्‍तान की हमेशा से ही कोशिश रही है कि वह अफगानिस्‍तान में भारत के प्रभाव को कम करे। साथ ही अफगानिस्‍तान को कश्‍मीर में सक्रिय आतंकियों के लिए पनाहगार के रूप में इस्‍तेमाल करे।
भारत के इस डर की वजह पाकिस्‍तानी सेना, आईएसआई और तालिबान के बीच करीबी रिश्‍ते थे। यही नहीं सितंबर 2021 में तालिबान सरकार आने के बाद आईएसआई के तत्‍कालीन चीफ फैज हामिद ने काबुल का दौरा भी किया था। हालांकि एक साल में अब हालात बहुत बदल चुके हैं। पाकिस्‍तानी सेना और तालिबान के बीच आए दिन सीमा पर भीषण गोलाबारी और हवाई हमले हो रहे हैं। तालिबान ने पाकिस्‍तान को अलग करने वाली डूरंड लाइन को मानने से इंकार कर दिया है। यही नहीं तालिबान के राज में तहरीक-ए-तालिबान आतंकियों ने पाकिस्‍तान पर हमले तेज कर दिया है।

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