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दिन में एक बार गायब हो जाता है वायुमंडल, वैज्ञानिक अचम्भित

Gulabi
3 Dec 2021 12:54 PM GMT
दिन में एक बार गायब हो जाता है वायुमंडल, वैज्ञानिक अचम्भित
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सालों से दुनियाभर के वैज्ञानिक अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों पर नजर जमाए हुए हैं
सालों से दुनियाभर के वैज्ञानिक अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों पर नजर जमाए हुए हैं। कभी-कभी अंतरिक्ष में ऐसे नजारे दिख जाते हैं, जिन्हें देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हो जाते हैं। हाल ही में वायुमंडल में एक अजीबोगरीब घटना देखी गई है। उत्तरी ध्रुव से करीब 250 मील की ऊंचाई पर एक फनल के आकार का गैप मिला है जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में खुलता है। नासा के मुताबिक ये गैप दिन में सिर्फ एक बार ही दिखाई देता है।
सबसे बड़ी बात ये है कि ये गैप सिर्फ स्थानीय समयानुसार दोपहर में ही दिखाई देता है यानी जब सूरज अपने उच्चतम बिंदु पर होता है तब ये दीखता है। इस बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि ये ज्यादा चिंता की बात नहीं है, क्योंकि उत्तरी ध्रुव के चुंबकीय क्षेत्र ने सूर्य के कणों को पृथ्वी तक पहुंचने से रोका है। लेकिन नया गैप सैटेलाइट और स्पेसक्राफ्ट के लिए परेशानी पैदा कर सकता है।
इस नए गैप को देखने वाले नासा के वैज्ञानिकों ने का कहना है कि इस क्षेत्र में रेडियो और जीपीएस सिग्नल में बाधा पैदा हो रही है। इसके अलावा इस गैप के खुलने पर इस क्षेत्र के गुजरने वाला कोई भी विमान धीमा हो जाता है। नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक इसके पीछे के कारणों की खोज की जा रही है। फिलहाल अभी तक वैज्ञानिकों को इसमें कामयाबी नहीं मिली है।
इस बारे में यूनिवर्सिटी ऑफ अलास्का फेयरबैंक्स के प्रमुख जांचकर्ता और भौतिकविद मार्क कोंडर का कहना है कि पृथ्वी से करीब 250 मील की ऊंचाई पर उड़ते वक्त स्पेसक्राफ्ट जब इस क्षेत्र से गुजरते हैं तो वो अधिक खिंचाव महसूस करते हैं। वहीं इस मामले में नासा का कहना है कि आयनमंडल में विद्युत और चुंबकीय प्रभाव इस गैप का एक प्रमुख कारण हो सकता है।
अभी हाल ही में खबर आई थी कि ओजोन परत में छेद साल 2021 में अंटार्कटिका से बड़ा हो गया है। हैरानी की बात ये है कि इसमें हर साल वृद्धि हो रही है। हर साल अगस्त से अक्टूबर के बीच ओजोन की मात्रा कम होती है और अंटार्कटिक के ऊपर यह छेद दिखता है। वहीं इसका सबसे बड़ा आकार सितंबर के मध्य से अक्टूबर के मध्य तक रहता है।
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