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खगोलविदों ने पहली बार देखा विशालकाय लाल तारे में विस्फोट का दुर्लभ नजारा, अंतरिक्ष में 130 दिनों से टिक-टिक कर रहा था बम

Neha Dani
8 Jan 2022 8:19 AM GMT
खगोलविदों ने पहली बार देखा विशालकाय लाल तारे में विस्फोट का दुर्लभ नजारा, अंतरिक्ष में 130 दिनों से टिक-टिक कर रहा था बम
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सुपरनोवा देखने को मिला। जांच में पता चला कि जब सितारे में विस्फोट हुआ तो उसकी सामग्री चारों ओर फैल गई।

अंतरिक्ष की कुछ दुर्लभ घटनाएं बेहद किस्मत से ही देखने को मिलती हैं। खगोलविदों ने पहली बार एक लाल विशालकाय तारे (Red Supergiant Star) को मरते हुए देखा है। एक भयानक विस्फोट के साथ तारे का अस्तित्व खत्म हो गया और यह सुपरनोवा में बदल गया, जिसे वैज्ञानिकों ने दूरबीन से देखा है। नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में टीम ने रेड सुपरजायंट के अंतिम 130 दिनों के दौरान इसकी जांच की, जिसके अंत में इसकी मौत हो गई।

हालिया खोज के नतीजे इस दुर्लभ घटना के बारे में अहम जानकारी देते हैं। इस घटना को देखने से पहले, खगोलविदों का मानना था कि विस्फोट के बाद सुपरनोवा में बदलने से पहले रेड सुपरजायंट सितारे अपेक्षाकृत शांत होते हैं। यह रिसर्च द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुई है। शोधकर्ताओं ने कहा कि अपने आखिरी समय में सितारों का व्यवहार पूरी तरह से बेकाबू हो जाता है। अध्ययन के प्रमुख लेखक व्यान जैकबसन-गैलन ने कहा कि यह हमारी नजर में एक बड़ी सफलता है जो यह समझने में मदद करती है कि बड़े सितारे मरने से पहले क्या करते हैं।
विस्फोट से पहले सूर्य से 10 गुना बड़ा था तारा
उन्होंने कहा कि पहली बार हमने एक रेड सुपरजायंट स्टार को मरते हुए देखा है। रेड सुपरजायंट से निकलने वाले प्रकाश की भारी मात्रा के चलते इस तारे का पता चला था। वैज्ञानिकों ने एनजीसी 5731 आकाशगंगा में पृथ्वी से 120 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित तारे को एक नाटकीय विस्फोट के बाद टाइप -2 सुपरनोवा में बदलते देखा। वैज्ञानिकों ने कहा कि विस्फोट से पहले यह तारा सूर्य से 10 गुना ज्यादा विशालकाय था। इसके गर्भ में हाइड्रोजन, हीलियम और अन्य तत्वों के जलने के बाद यह फट गया।
130 दिनों से नजर बनाए हुए थे वैज्ञानिक
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक तारे की असामान्य गतिविधि का पता सबसे पहले खगोलविदों ने 130 दिन पहले लगाया था। यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी पैन-स्टार्स टेलीस्कोप ने 2020 की गर्मियों में एक चमकदार रेडिएशन का पता लगाया था। कुछ समय बाद शोधकर्ताओं को उसी जगह पर एक सुपरनोवा देखने को मिला। जांच में पता चला कि जब सितारे में विस्फोट हुआ तो उसकी सामग्री चारों ओर फैल गई।

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