विश्व
खगोलविदों ने अब तक के सबसे करीब के ब्लैक होल को खोजा, जानें धरती से कितना है दूर
Rounak Dey
7 Nov 2022 5:21 AM GMT
x
अगर हम इससे चूक जाते तो हमें एक साल का इंतजार करना पड़ता।'
वॉशिंगटन: खगोलविदों ने शुक्रवार को घोषणा की है कि उन्होंने अब तक के सबसे करीब के ब्लैक होल की खोज की है। ये ब्लैकहोल हमारे सूर्य से लगभग 10 गुना ज्यादा बड़ा है। ये ब्लैकहोल पृथ्वी से 1,560 प्रकाश वर्ष दूर है। अभी तक जिस ब्लैकहोल को सबसे करीब माना जा रहा था ये उससे दोगुना करीब है। इस ब्लैक होल को गैया BH1 (Gaia BH1) कहा जा रहा है, जो बाइनरी सिस्टम में है, जिसका अन्य सदस्य एक सूर्य जैसा तारा है। ये ब्लैक होल लगभग उतना ही दूर है, जितना पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी है जो इसे और भी खास बनाता है। दूसरा सबसे करीब का ब्लैक होल लगभग 3000 प्रकाश वर्ष दूर है।
बेहतरीन अप्लायंसेज पर जोरदार ऑफर, 1-4 नवंबर सैलरीज डेज में उठाइए फायदा |
मैसाचुसेट्स में हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स और मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी के अध्ययन के प्रमुख लेखर करीम अल-बद्री ने कहा, 'जहां सूर्य है वहां ब्लैक होल मान लीजिए और जहां पृथ्वी है उसे तारा मान लीजिए, आपको ऐसा सिस्टम मिल जाएगा। कई बार इस तरह के सिस्टम के मिलने के दावे किए गए हैं, लेकिन बाद में इन सभी खोजों का खंडन कर दिया गया है।' उन्होंने आगे कहा, 'हमारी आकाशगंगा में तारकीय-द्रव्यमान वाले ब्लैक होल के चारों ओर एक विस्तृत कक्षा में सूर्य जैसे तारे के बारे में पहली बार पता लगा है।'
जेमिनी टेलीस्कोप के जरिए मिला ब्लैक होल
ब्लैक होल के करीब का ये सितारा उसका चक्कर लगा रहा है। खगोलविदों ने ब्लैक होल के साथ इसकी गति का अवलोकन करने के लिए हवाई में स्थित जेमिनी उत्तरी टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया जो जेमिनी ऑब्जर्वेटरी की जुड़वा दूरबीन है। टीम ने सबसे पहले यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के गैया अंतरिक्ष यान के डेटा का विश्लेषण करके ब्लैक होल की मौजूदगी की पहचान की थी। इसके बाद जेमिनी नॉर्थ पर जेमिनी मल्टी-ऑब्जेक्ट स्पेक्ट्रोग्राफ उपकरण का इस्तेमाल करके ब्लैक होल की पहचान की।
आकाशगंगा में हैं 10 करोड़ ब्लैक होल
खगोलविदों का मानना है कि हमारी आकाशगंगा में लगभग 10 करोड़ तारकी-द्रव्यमान वाले ब्लैक होल हैं, जो हमारे सूर्य से पांच से 100 गुना ज्यादा विशाल हैं। अल बद्री ने कहा, 'जब पहली बार हमें इस सिस्टम में ब्लैक होल होने के संकेत मिले तब सिर्फ एक सप्ताह का समय बचा था जब ब्लैक होल और तारा सबसे करीब होते। बाइनरी सिस्टम के सटीक द्रव्यमान का अनुमान लगाने के लिए इस बिंदु पर मापन आवश्यक था। परियोजना की सफलता के लिए जेमिनी की कम समय में अवलोकन प्रदान करने की क्षमता महत्वपूर्ण थी। अगर हम इससे चूक जाते तो हमें एक साल का इंतजार करना पड़ता।'
TagsPublic relations latest newspublic relations newspublic relations news webdeskpublic relations latest newspublic relationstoday's big newstoday's important newspublic relations Hindi newspublic relations big newsCountry-world newsstate-wise newsHindi newstoday's newsbig newspublic relations new newsdaily newsbreaking newsIndia newsseries of newsnews of country and abroad

Rounak Dey
Next Story