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तारिक फातेमी और जफरुल्ला खान जैसे नवाज के करीबी सहयोगियों को मंत्रिमंडल में कोई जगह नहीं दी गई है।
शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए पीएम बने हैं। उन्होंने 19 अप्रैल को मंत्रिमंडल का गठन किया। लेकिन मंत्रीमंडल के गठबंधन के बाद गठबंधन के सहयोगियों में कड़वाहट बढ़ गई है। कुछ सहयोगियों ने अपने सदस्यों के चयन के मामले में कैबिनेट को 'सर्वश्रेष्ठ संभव' बताया है।हालंकि गठबंधन के दो सबसे बड़े दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग -नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) कैबिनेट में अपने सदस्यों के चयन और मंत्रिमंडल के बंटवारे को लेकर असमंजस में हैं।
शाहबाज ने दी सफाई लेकिन पार्टियों में हैं मतभेद
पीएम शाहबाज शरीफ ने एक ट्वीट में कहा है कि PML-N के सुप्रीमो नवाज शरीफ और गठबंधन के सभी सहयोगियों के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद संघीय मंत्रिमंडल का गठन किया गया है। उन्होंने आगे कहा है कि मुझे उम्मीद है कि संघीय मंत्री, राज्य मंत्री और सलाहकार नेतृत्व प्रदान करेंगे और लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे। पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट बताती है कि कैबिनेट सदस्यों के चयन और उनके बीच विभागों के बंटवारे को लेकर PML-N सहित कई और गठबंधन के सहयोगियों के भीतर मतभेद है।
नवाज खेमे को लगा दिया गया किनारे
मरियम नवाज पार्टी के दिग्गज नेताओं के नामों पर विचार नहीं करने के लिए शाहबाज से नाखुश बताई जा रही हैं। पीएम ने तथाकथित नवाज खेमे के केवल एक सदस्य जावेद लतीफ को शामिल किया था जिन्होंने शपथ नहीं ली थी। इरफान सिद्दीकी, परवेज राशिद, मुहम्मद जुबैर, दानियाल अजीज, मुसद्दीक मलिक, तलाल चौधरी, बिरजीस ताहिर, तारिक फातेमी और जफरुल्ला खान जैसे नवाज के करीबी सहयोगियों को मंत्रिमंडल में कोई जगह नहीं दी गई है।
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