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1,25,000 शिक्षकों को सेना ने किया निलंबित, जानिए इस कार्रवाई के पीछे की वजह

Neha Dani
23 May 2021 8:54 AM GMT
1,25,000 शिक्षकों को सेना ने किया निलंबित, जानिए इस कार्रवाई के पीछे की वजह
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मैं उसकी सुरक्षा को लेकर भी चिंतित हूं.’

म्यांमार में सैन्य प्रशासन (Myanmar Military Government) ने 125,900 स्कूली शिक्षकों को निलंबित कर दिया है. वो भी केवल इसलिए क्योंकि ये लोग तख्तापलट के खिलाफ शुरु किए गए अभियान में शामिल में हुए थे. इस बात की जानकारी म्यांमार टीचर्स फेडरेशन ने दी है. इससे कुछ दिन पहले ही इस देश में स्कूल का नया सत्र शुरू हुआ है. जिसका तख्तापलट के खिलाफ अभियान के तहत कुछ शिक्षकों और माता-पिता ने बायकॉट किया. इस देश में सेना ने चुनी हुई सरकार को गिराकर इसी साल फरवरी महीने में तख्तापलट कर दिया था.

फेडरेशन से जुड़े एक अधिकारी ने पहचान ना बताने पर ये सारी जानकारी दी है. जो पहले से ही अंसतोष भड़काने के आरोप को लेकर सैन्य सरकार की लिस्ट में शामिल है (Myanmar Latest News). दो साल पहले जारी डाटा के अनुसार, कुल स्कूली शिक्षकों की संख्या 430,000 है. फेडरेशन के अधिकारी और खुद एक शिक्षक रहे इस शख्स ने कहा, 'यहां लोगों को काम पर वापस लौटने के लिए धमकी भरे बयान दिए जाते हैं. अगर ये वास्तव में इन सभी को नौकरी से निकाल देते हैं, तो पूरा सिस्टम रुक जाएगा.'
काम पर लौटने की धमकी
इस अधिकारी ने कहा कि इसपर जो आरोप लगे हैं, वो सभी हटा दिए जाएंगे, अगर वह काम पर लौट आए. मामले में सरकार के प्रवक्ता की ओर से अभी कुछ नहीं कहा गया है (Myanmar Coup Latest News). वहीं सरकारी अखबार ग्लोबल न्यू लाइट इन म्यांमार ने सभी शिक्षकों और छात्रों से कहा है कि वह स्कूल वापस लौट आएं, ताकि एजुकेशन सिस्टम की शुरुआत की जा सके. यहां तख्तापलट और चुनी गईं नेता आंग सान सू की की गिरफ्तारी के बाद से स्कूल, स्वस्थ्य सेक्टर, सरकारी दफ्तर और निजी व्यापार सभी जगह पर काम धंधा ठप्प हो गया है.
यूनिवर्सिटी के शिक्षण भी निलंबित
इससे पहले शिक्षकों से जुडे़ एक समूह ने बताया था कि यूनिवर्सिटी के भी 19,500 शिक्षकों को निलंबित किया गया है. वहीं स्कूल का अगला टर्म शुरू होने के लिए जून से नया पंजीकरण शुरू हो जाएगा (Teachers Suspended in Myanmar). लेकिन अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते. कुछ का कहना है कि वह अपने बच्चों को स्कूल से निकालने की योजना बना रहे हैं. 42 साल की मिंट अपनी 14 साल की बेटी को लेकर कहती हैं, 'मैं अपनी बेटी को स्कूल नहीं भेजूंगी क्योंकि मैं उसे सैन्य तानाशही की ओर से शिक्षा लेते देखना नहीं चाहती. मैं उसकी सुरक्षा को लेकर भी चिंतित हूं.'

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