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म्यांमार के इन हालात के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र के कुछ विशेषज्ञों ने इसे गृहयुद्ध के रूप में परिभाषित किया है.
पूरी दुनिया की निगाहें एक ओर जहां यूक्रेन पर हुए युद्ध (Ukraine War) पर टिकी हुई हैं, वहीं म्यांमार की सेना (Myanmar Army Attacks) हवाई और जमीनी हमले करके बड़े पैमाने पर नागरिकों को निशाना बना रही है. दक्षिणपूर्वी एशियाई देश में युद्ध क्षेत्र में करीब तीन महीने रहने वाले एक राहत कर्मी ने यह जानकारी दी है. एक मानवीय सहायता संगठन 'फ्री बर्मा रेंजर्स' के निदेशक डेविड इयुबैंक ने कहा कि सेना के विमान और हेलिकॉप्टर (Helicopter) पूर्व म्यांमार के इलाकों में लगातार हमले कर रहे हैं.
इयुबैंक ने कहा, हमले वहां हो रहे हैं, जहां नागरिकों को चिकित्सीय और खाद्य सहायता मुहैया कराई जा रीह है, वह और उनके स्वयंसेवी संघर्ष में फंस गए थे. उन्होंने बताया कि जमीन पर भी सैनिक अंधाधुंध गोलाबारी कर रहे हैं, जिससे हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं. इयुबैंक ने बताया कि यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से म्यांमार में संभवत: सबसे भयानक लड़ाई है.
सेना ने जमाया था सत्ता पर कब्जा
म्यांमार की सेना ने पिछले साल लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित आंग सान सू ची की सरकार को बेदखल कर सत्ता पर कब्जा जमा लिया था. सरकारी 'म्यांमार एलिन डेली' अखबार में 24 फरवरी को प्रकाशित एक खबर में सेना ने कारेन्नी प्रांत की राजधानी लोइकाव के समीप 'आतंकवादी समूहों' का सफाया करने के लिए हवाई हमले और भारी गोलाबारी करने की बात स्वीकार की थी.
देश में हिंसक घटनाएं जारी
यहां सेना के सत्ता हथियाए जाने के बाद जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन और हिंसक घटनाएं हो रही हैं. देश में विरोधी चरमपंथी प्रतिदिन गुरिल्ला कार्रवाई भी करते हैं, जबकि सेना ग्रामीण इलाकों पर बड़े पैमाने पर हमले कर रही है. इनमें वो हवाई हमले भी शामिल हैं, जिनसे लोगों को बड़ा नुकसान होता है. म्यांमार के इन हालात के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र के कुछ विशेषज्ञों ने इसे गृहयुद्ध के रूप में परिभाषित किया है.
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