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सीमा विवाद के बीच नेपाल पहुंचे आर्मी चीफ नरवणे, PM ओली से करेंगे मुलाकात

Kunti Dhruw
4 Nov 2020 2:22 PM GMT
सीमा विवाद के बीच नेपाल पहुंचे आर्मी चीफ नरवणे, PM  ओली से करेंगे मुलाकात
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सीमा विवाद के बीच नेपाल पहुंचे आर्मी चीफ नरवणे, PM ओली से करेंगे मुलाकात

सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे आज तीन दिवसीय यात्रा पर नेपाल पहुंच गए हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | काठमांडू: सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे आज तीन दिवसीय यात्रा पर नेपाल पहुंच गए हैं। इस दौरान वह नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात करेंगे। वर्तमान में पीएम ओली के पास ही रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार है। कुछ महीने पहले नेपाल का नया नक्शा प्रकाशित होन के बाद से ही सीमा पर हालात सामान्य नहीं है। ऐसे में पीएम ओली और जनरल नरवणे के बीच होने वाली मुलाकात अहम मानी जा रही है।

नेपाली सेना के जनरल के पद से सम्मानित होंगे आर्मी चीफ

नेपाली सेना के अनुसार, दोनों देशों की सेनाओं के बीच मित्रता की परंपरा को जारी रखते हुए जनरल नरवणे को काठमांडू में राष्ट्रपति भवन में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी नेपाल सेना के जनरल का मानद पद प्रदान करेंगी। यह परंपरा 1950 में शुरू हुई थी जो दोनों सेनाओं के बीच मजबूत संबंध का परिचायक है।

पीएम ओली से मिलेंगे जनरल नरवणे

बयान के अनुसार जनरल नरवणे का अपनी यात्रा के आखिरी दिन प्रधानमंत्री ओली से भी मिलने का कार्यक्रम है। वह सैन्य पैवेलियन में शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि देंगे, उन्हें सलामी गारद दी जाएगी। वह अपने नेपाली समकक्ष जनरल पूर्णचंद्र थापा के साथ आधिकारिक बैठक करेंगे और शिवपुरी में आर्मी कमांड एंड स्टाफ कॉलेज में प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करेंगे।

नरवणे के बयान से नाराज हो गया था नेपाल

मई में भारत ने लिपुलेख और धारचूला के बीच एक नई सड़क का निर्माण किया था। नेपाल ने इसका विरोध किया था। नेपाला का दावा था कि लिपुलेख और धारचूला उसका क्षेत्र है और भारत ने यहां सड़क बनाकर संधि का उल्लंघन किया है। भारत ने नेपाल के दावे को खारिज कर दिया था। इसके बाद अगस्त में जनरल नरवणे ने एक बयान में कहा था कि नेपाल किसी और (चीन की तरफ इशारा) के इशारे पर भारत का विरोध कर रहा है। नेपाल सरकार ने इस बयान पर नाखुशी जाहिर की थी।

जून में नेपाल ने पास किया था विवादित नक्शा

बता दें कि जून में नेपाल की संसद ने नए पॉलिटिकल नक्शे के लिए लाए गए संवैधानिक संशोधन बिल को सर्वसम्मति से मंजूरी दी थी। नए नक्शे को मई में नेपाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने जारी किया था। नक्शे को देश के संविधान में जोड़ने के लिए 27 मई को संसद में प्रस्ताव भी रखा जाना था, लेकिन नेपाल सरकार ने ऐन मौके पर संसद की कार्यसूची से इसे हटा दिया। हालांकि इसके बाद कानून मंत्री शिवा माया तुंबामफे ने 31 मई को विवादित नक्शे को लेकर संशोधन विधेयक नेपाली संसद में पेश किया था। नेपाल के नक्शे को लेकर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

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