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कीव में इस समय जो अमेरिकी कमांडर मौजूद हैं, वो यूक्रेन के इन्हीं पड़ोसी देशों की सीमाओं को पार करते हुए यूक्रेन पहुंचे हैं।
यूक्रेन-रूस युद्ध को सौ दिन पूरे हो चुके हैं। रूस के बड़े हमलों के बाद भी यूक्रेन झुकने को तैयार नहीं है। माना जा रहा है कि युद्ध अभी और लंबा खिंच सकता है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ये भी माना जा रहा है कि यूक्रेन में मौजूद अमेरिकी सैन्य कमांडर गोपनीय तरीके से यूक्रेन को रणनीति बनाने में मदद कर रहे हैं, जिससे यूक्रेन, रूस का मजबूती से सामना कर रहा है।
कीव से पीछे हटने के बाद रूस ने अपना पूरा ध्यान यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र की ओर केंद्रित कर दिया है। डोनबास समेत अन्य क्षेत्रों पर कब्जा जमाने के लिए रूस लगातार हमले कर रहा है। यूक्रेन की सेना यहां रूस का मजबूती से सामना कर रही है। इस युद्ध के लंबा खिंचने के कई कारणों में से एक बड़ा कारण ये भी माना जा रहा है कि अमेरिकी सैन्य कमांडर यूक्रेन में मौजूद हैं, जो यूक्रेन की युद्ध में बढ़त बनाने के लिए ठोस रणनीति पर काम कर रहे हैं।
रूस से जुड़े सूत्रों के हवाले से इस तरह की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। हालांकि रूस की तरफ से आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। माना जा रहा है कि रूस ऐसा किसी खास रणनीति के चलते नहीं कर रहा है।
सौ दिन बाद भी रूस असफल
रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था। रूसी हमले के बाद माना जा रहा था कि एक हफ्ते के भीतर वह यूक्रेन पर पूर्ण रूप से कब्जा कर लेगा। लेकिन यूक्रेन ने रूस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। युद्ध को चलते करीब सौ दिन पूरे हो चुके हैं। यूक्रेन के दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्र में अभी भी यूक्रेनी लड़ाके रूसी सेना से कड़ा मुकाबला कर रहे हैं। हालांकि यूकेन इस युद्ध में पूरी तरह तबाह हो चुका है। उसके बंदरगाहों पर रूस ने कब्जा कर लिया है। बड़े शहर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। यूक्रेन को आर्थिक, सैन्य और मानवीय नुकसान हुआ है, लेकिन फिर भी यूक्रेन युद्ध में मजबूती से खड़ा हुआ है और उसने रूस को भारी नुकसान पहुंचाया है।
गैर सैन्य लड़ाके भी मददगार
सूत्रों की मानें तो रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद यूक्रेन में यूक्रेनी सैनिकों का साथ आम नागरिकों ने दिया ही है, साथ ही गैर सैन्य लड़ाके भी युद्ध को लंबा खींचने में सफल हुए हैं। हालांकि रूस का मानना था कि यूक्रेनी सेना को वो जल्द पराजित कर देगा, लेकिन आम नागरिकों ओर गैर सैन्य लड़ाकों का समर्थन मिलने से यूक्रेनी सेना मजबूत स्थिति में है।
रूस कर रहा अमेरिकी कमांडरों की तलाश
सूत्रों की मानें तो रूसी खुफिया एजेंसियों के पास इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि कीव में अमेरिकी कमांडर मौजूद हैं। जिसके आधार पर रूस की सेना इन अमेरिकी सैन्य कमांडरों को पकड़ने का प्रयास कर रही है, ताकि वो इन्हें दुनिया के सामने पेश कर सके। सूत्रों का कहना है कि ये अमेरिकी सैन्य कमांडर कीव के सुरक्षित क्षेत्रों में मौजूद हैं। हालांकि कुछ सूत्र यह भी बताते हैं कि ये सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी हैं जो स्वेच्छा से इस युद्ध में यूक्रेन का साथ देने आए हैं।
पड़ोसी देशों के रास्ते पहुंचे यू्क्रेन
सूत्रों का कहना है कि अमेरिका और नाटो देशों की तरफ से रोमानिया और पोलैंड के रास्ते गुपचुप तरीके से यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति की जा रही है। हथियारों की इस खेप में टैंक, मिसाइल, राइफल, बम आदि शामिल हैं। ज्ञात रहे कि अमेरिका समेत अन्य नाटो देशों ने फैसला लिया है कि वे यूक्रेन को हथियारों एवं अन्य संसाधनों के जरिये मदद करेंगे, लेकिन अपनी सेनाएं यूक्रेन नहीं भेजेंगे। लेकिन यह कभी भी नहीं कहा कि वह सैन्य कमांडरों को रणनीति बनाने के खिलाफ मदद के लिए नहीं भेजेगा। कीव में इस समय जो अमेरिकी कमांडर मौजूद हैं, वो यूक्रेन के इन्हीं पड़ोसी देशों की सीमाओं को पार करते हुए यूक्रेन पहुंचे हैं।
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