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क्‍या बांग्‍लादेश में हिंदू और उनकी धार्मिक आस्‍था सुरक्षित है? जानें-क्‍या है एक्‍सपर्ट व्‍यू

Neha Dani
22 Oct 2021 7:19 AM GMT
क्‍या बांग्‍लादेश में हिंदू और उनकी धार्मिक आस्‍था सुरक्षित है? जानें-क्‍या है एक्‍सपर्ट व्‍यू
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बांग्‍लादेश सरकार के इस कथन पर पूरा यकीन करती है कि उसके यहां हिंदू और मुस्लिमों को धार्मिक आजादी पर छूट है।

बांग्‍लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्‍याचार पर भारत सरकार का स्‍टैंड उस तरह का नहीं है, जैसा कि पाकिस्‍तान के प्रति देखा जाता है। इसको लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। यह सवाल उठ रहा है कि भारत सरकार का बांग्‍लादेश के प्रति नरम रवैया क्‍यों है, जबकि पाकिस्‍तान के प्रति हिंदुओं पर हो रहे अत्‍याचार को लेकर पूरी दुनिया में आवाज उठाता है ? आखिर भारत के नरम रुख का क्‍या कारण है ? क्‍या वह बांग्‍लादेश के साथ रिश्‍तों को लेकर चिंतित है या फ‍िर कुछ अन्‍य कारण है ? आइए जानते हैं इस पूरे मामले में प्रो. हर्ष वी पंत (आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में निदेशक, अध्ययन और सामरिक अध्ययन कार्यक्रम के प्रमुख) की क्‍या राय है। वह इस पूरे मामले को किस नजरिए से देखते हैं।

क्‍या बांग्‍लादेश में हिंदू और उनकी धार्मिक आस्‍था सुरक्षित है ?

बांग्‍लादेश की आजादी के बाद से ही नई दिल्‍ली और ढाका के बीच संबंध मधुर रहे हैं। बांग्‍लादेश की आजादी में भारत का प्रमुख योगदान रहा है। भारत के इस पड़ोसी मुल्‍क में लोकतंत्र बेहद मजबूत है। भारत की आस्‍था बांग्‍लादेश के लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था पर है। इस नाते भारत सरकार को विश्‍वास है कि बांग्‍लादेश में अल्‍पसंख्‍यक हिंदुओं के साथ ज्‍यादती नहीं होगी। बांग्‍लादेश सरकार ने हिंदुओं की रक्षा के लिए जो कदम उठाए, उससे भारत सरकार पूरी तरह से संतुष्‍ट है। बांग्‍लादेश की पीएम शेख हसीना ने साफ कर दिया कि हमारे देश में कट्टरपंथ के लिए कोई जगह नहीं है। उन्‍होंने कहा कि दोषी को बख्‍सा नहीं जाएगा। बांग्‍लादेश सरकार अपना काम कर रही है। उधर, भारत सरकार भी इस पूरे मामले पर पैनी नजर बनाए हुए है।
पूजा पंडाल में हुई हिंसा को किस रूप में देखते हैं ?
देखिए, अगर आप पूरे घटनाक्रम पर नजर डाले तो यह पूरा मामला एक सियासी चाल का हिस्‍सा प्रतीत होता है। लोकतंत्र में यह संभव भी है। सत्‍ता और शक्ति के लिए वहां राजनीतिक दल ऐसी हरकत कर सकते हैं। यह कोई अचरज की बात नहीं। सवाल यह उठता है कि पूजा पंडाल में कुरान कहां से आई ? जिसे लेकर इतना बड़ा बवाल हुआ। ऐसा लगता है कि बांग्‍लादेश में लोकप्रिय पीएम शेख हसीना को बदनाम करने के लिए वहां की सियासत को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, कट्टरपंथ को लेकर बांग्‍लादेश सरकार ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि उसके देश में कट्टरपंथ की कोई जगह नहीं होगी।
बांग्‍लादेश में धार्मिक आजादी को लेकर क्‍या प्रावधान है ?
देखिए, भारत की तरह बांग्‍लोदश में भी धार्मिक आजादी है। हालाकि, बांग्‍लादेश के संविधान में भारत की तरह धार्मिक आजादी को लेकर एक बड़ा अध्‍याय नहीं है, उसमें उस तरह से विस्‍तृत प्रावधान नहीं है। भारत में धार्मिक आजादी नागरिकों के मौलिक अधिकार का हिस्‍सा है, लेकिन बांग्‍लादेश सरकार ने कई बार अपने देश में धार्मिक आजादी की बाद कबूल की है। सरकार की ओर से कहा जाता रहा है क‍ि अल्‍पसंख्‍यक हिंदुओं के हित पूरी तरह से सुरक्षित है। वह कट्टरपंथ के सख्‍त खिलाफ है। भारत, बांग्‍लादेश सरकार के इस कथन पर पूरा यकीन करती है कि उसके यहां हिंदू और मुस्लिमों को धार्मिक आजादी पर छूट है।


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