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यहूदी व्यक्ति के किडनी से अरबी महिला को मिली नई जिंदगी, फिलिस्तीन समर्थक दंगों में हुई थी मौत

Deepa Sahu
24 May 2021 11:07 AM GMT
यहूदी व्यक्ति के किडनी से अरबी महिला को मिली नई जिंदगी, फिलिस्तीन समर्थक दंगों में हुई थी मौत
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यरूशलम में दशकों में हुए

यरूशलम: यरूशलम में दशकों में हुए सबसे भयानक साम्प्रदायिक दंगों के बाद देश में शांति कायम करने की कोशिशों के बीच लोग मानवता की मिसालें पेश कर रहे हैं। यहूदी समुदाय के लोग अन्य समुदायों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उनके साथ न केवल मित्रवत बर्ताव कर रहे हैं बल्कि जान गंवा चुके अपनों के अंग दान भी कर रहे हैं ताकि किसी और को जीवन मिल सके।

इजरायल में अरबी और यहूदियों के बीच हुआ था संघर्ष
पिछले दो हफ्तों में इजराइल और फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के बीच युद्ध के दौरान अरबी नागरिकों और यहूदियों के बीच जम कर संघर्ष हुआ। इन दंगों की चपेट में इजरायल के कई शहर आए थे। पिछले दो सप्ताहों में वाहनों, रेस्तराओं और यहूदी प्रार्थनास्थलों को आग के हवाले करने की अनगिनत घटनाएं भी हुई। ऐसा नहीं है कि एक ही पक्ष को नुकसान हुआ। कई घटनाओं में इजरायल में रहने वाले अरबी लोगों को भी हिंसा का सामना करना पड़ा।
दंगों में मरे यहूदी पुरूष के गुर्दे से अरबी महिला को मिली जिंदगी
समाचारपत्र 'हारेत्ज' की एक खबर के अनुसार इजराइली अरब महिला का पिछले सप्ताह गुर्दा प्रतिरोपण किया गया और इसके लिए गुर्दा लोड शहर में दंगों में मारे गए एक यहूदी पुरुष का दान दिया गया। खबर के मुताबिक यरूशलम की रहने वाली 58 साल की रैंडा एवैस को करीब दस वर्ष से गुर्दे का रोग था और सात वर्ष से उनका नाम प्रतिरोपण की सूची में दर्ज था लेकिन दानदाता नहीं मिलने से उनका प्रतिरोपण नहीं हो पा रहा था। दंगे में मारे गए 56 साल के यिगाल येहोशुआ का गुर्दा मिलने पर उनका गुर्दा प्रतिरोपण किया गया।
मृतक के भाई ने बताया- क्यों लिया अंगदान का निर्णय
येहोशुआ के भाई इफी ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में कहा कि वह परमार्थ कार्यों पर विश्वास रखता था और उसका दिल बहुत बड़ा था और इसी को देखते हुए हमने उसके अंग दान का निर्णय लिया। हमें ऐसा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, उसके कारण उन्हें जिंदगी मिलेगी।
दंगो से सर्वाधिक प्रभावित रहा लोड शहर
सर्जरी के बाद सीएनएन ने एवैस ने हवाले से कहा, बेचारा व्यक्ति, उसने क्या किया था? उसने उनका क्या बिगाड़ा था? उन्होंने क्यों उसकी हत्या की? उसकी पत्नी बच्चों के साथ अकेले कैसे गुजारा करेगी? गौरतलब है कि लोड शहर दंगों से सर्वाधिक प्रभावित रहा है। दंगे शुरू होने के बाद इजरायल ने शहर में आपातकाल घोषित कर दिया था और रात का कर्फ्यू लगा दिया था।
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