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तालिबान की वापसी के बाद, भविष्य को लेकर चिंतित महिलाएं, छात्राएं पढ़ाई छूटने को लेकर हैं संशकित

Rani Sahu
16 Aug 2021 6:52 PM GMT
तालिबान की वापसी के बाद, भविष्य को लेकर चिंतित महिलाएं, छात्राएं पढ़ाई छूटने को लेकर हैं संशकित
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दो दशक बाद अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबान का शासन स्थापित हो गया

दो दशक बाद अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबान का शासन स्थापित हो गया। वैसे तो देश का हर आम और खास अपने भविष्य को लेकर चिंतित है, लेकिन सबसे ज्यादा डर महिलाओं और छात्राओं को सता रहा है। पूर्व के शासनकाल के दौरान तालिबान ने उन्हें नौकरी और शिक्षा से वंचित करते हुए एक तरह से घरों में कैद कर दिया था। हालत यह थी कि अगर कोई महिला बाहर दिखाई पड़ती तो उसे कोड़े लगाए जाते हैं।

अपनी पढ़ाई छूटने को लेकर संशकित 17 वर्षीय वहीदा सादेकी सिर्फ एक ही सवाल पूछती हैं कि उसका क्या होगा। वहीदा ने कहा, 'मैं अपने भविष्य को लेकर बहुत चिंतित हूं। मेरा जन्म वर्ष 2004 के बाद हुआ था और मुझे नहीं पता कि तालिबान ने उससे पहले महिलाओं के साथ क्या किया था। हालांकि मुझे यह जरूर पता है कि उन्हें घर में कैद कर दिया गया था।'
दरअसल, पिछले दो दशकों के दौरान अफगान सरकार और अमेरिकी नेताओं ने देशवासियों से शांति और समृद्धि के साथ महिलाओं के अधिकारों का वादा किया था। स्थितियों में मामूली सुधार भी हुआ था, लेकिन एक बार फिर तालिबान के कब्जा करने के बाद महिलाएं सबसे अधिक चिंतित हैं।
तालिबान के साथ वार्ता में शामिल रहीं अफगान वार्ताकार फातिमा गेलानी ने इसी वर्ष अप्रैल में कहा था कि कोई भी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा था, 'अब समय आ गया है कि हम खुद पर भरोसा करना सीखें। अफगानिस्तान की महिलाएं अब बिल्कुल अलग हैं। वे एक ताकत हैं और कोई भी उन्हें उनके अधिकारों से वंचित नहीं कर सकता है।'


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