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चीन के बारे में चुप रहने के लिए पाखंड का आरोप लगाया गया है।
चीनी अधिकारियों के अनुरोध के बाद एपल (Apple) ने दुनिया में सबसे लोकप्रिय एप में से एक कुरान एप को हटा दिया है। कुरान मजीद दुनियाभर में एप स्टोर पर उपलब्ध है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी अधिकारियों के अनुरोध पर एपल ने इसे हटा दिया है। कंपनी का कहना है कि इस पर गैरकानूनी धार्मिक सामग्री रखने का आरोप है। इस मुद्दे पर टिप्पणी का अनुरोध किए जाने पर चीन सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है। एप हटाए जाने पर सबसे पहले एपल सेंसरशिप का ध्यान गया। एपल सेंसरशिप एक वेबसाइट है, जो दुनियाभर में एपल एप स्टोर की निगरानी करती है।
पिछले माह सितंबर में एपल और गूगल दोनों ने रूस चुनावों में विरोध मतदान के समन्वय के लिए बनाए गए एक एप को हटा दिया था। इस एप को रूस के विपक्षी नेता अलेक्सई नवलनी ने तैयार किया था। रूस के अधिकारियों ने दावा किया था कि एप अवैध है। उन्होंने यह भी धमकी दी कि एप को हटाने से मना करने पर दोनों कंपनियों के स्थानीय कर्मचारियों पर मुकदमा करा सकते हैं। चीनी सरकार ने टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया है। इस एप को हटाए जाने पर सबसे पहले एपल के एप स्टोर के विभिन्न एप्लिकेशन की मानिटरिंग करने वाली वेसबसाइट एपल सेंशरशिप ने गौर किया।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी आधिकारिक तौर पर देश में इस्लाम को एक धर्म के रूप में मान्यता देती है। हालांकि, चीन पर शिनजियांग में अक्सर उइगर मुस्लिमों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन और यहां तक कि नरसंहार का आरोप लगाया जाता रहा है। यह स्पष्ट नहीं है कि एप ने चीन में किन नियमों को तोड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुरान मजीद का कहना है कि उस पर विश्व स्तर पर 3.5 करोड़ से अधिक मुसलमानों द्वारा भरोसा किया जाता है। एपल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक पर अमेरिका में राजनेताओं द्वारा अमेरिकी राजनीति के बारे में बोलने, लेकिन चीन के बारे में चुप रहने के लिए पाखंड का आरोप लगाया गया है।
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