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राजनयिक समाधान खोजने में संयुक्त राष्ट्र और महासचिव का समर्थन करने के लिए ही वो सभी एकजुट हुए हैं।
रूस द्वारा यूक्रेन पर थोपे गए युद्ध के दो माह पूरे होने के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक बयान जारी किया है। इस बयान में यूएन प्रमुख द्वारा इस विवाद के शांतिपूर्ण हल को तलाशने के लिए उनका पूरा समर्थन करने की बात कही गई है। इस बयान में ये भी कहा गया है कि सिक्योरिटी काउंसिल यूक्रेन की शांति और सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है। बता दें कि रूस ने यूक्रेन पर पहली बार 24 फरवरी को हमला किया था। इस बैठक में भारत के प्रतिनिधि ने युद्ध को तुरंत रोके जाने की मांग भी की। भारत ने बूचा में हुए भीषण नरसंहार को भी गलत बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की।
बता दें कि यूएनएससी की अध्यक्षता फिलहाल अमेरिका के पास है। इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने सदस्यों को उनके कीव और मास्को दौरे की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस दौरे पर उन्होंने मास्को में भी वही कहा जो कीव में कहा था। गुतरेस के मुताबिक मास्को के दौरे पर उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के समक्ष कहा कि उनका यूक्रेन पर हमला यूएन चार्टर का खुला उल्लंघन है। इस युद्ध को अब खत्म कर देना चाहिए।
गुतरेस ने इस बात पर खुशी जताई कि सभी सदस्यों ने पहली बार यूक्रेन की शांति के लिए एक स्वर में बात की। उन्होंने कहा कि रूस के हमलों को रोकने के लिए समूची दुनिया को एकजुट होकर अपनी बात रखनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल्यों को बनाए रखने के लिए सभी का एक साथ आना बेहद जरूरी है। उन्होंने ये भी कहा कि वो यूक्रेन में लोगों का जीवन बचाने और दोनों देशों के बीच शांति का रास्ता खोजने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
सुरक्षा परिषद ने महासचिव से अनुरोध किया कि परिषद द्वारा दिए गए वक्तव्य को स्वीकार करने के बाद यथासमय सुरक्षा परिषद को इसकी जानकारी दें। इस बैठक के बाद नार्वे के स्थायी प्रतिनिधि मोना जुल, मेक्सिको के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत जुआन रेमन डे ला फुएंते रामिरेज यूएन समेत अंतरराष्ट्रीय बिरादरी दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने को लेकर प्रयास कर रही है। मैक्सिकन दूत ने कहा कि इस मसले का राजनयिक समाधान खोजने में संयुक्त राष्ट्र और महासचिव का समर्थन करने के लिए ही वो सभी एकजुट हुए हैं।
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