x
दो महीने पहले सरकार ने उनकी रिहाई का वादा किया था, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में अब आजादी के नारे लग रहे हैं। POK के लोग अब आजादी की मांग कर रहे हैं। सड़कों पर उतरे लोगों ने संयुक्त राष्ट्र की गाड़ी रोकी और उसके सामने प्रदर्शन किया। UN की गाड़ी के सामने इस दौरान लोगों ने, 'पाकिस्तानी फौज वापस जाओ, वापस जाओ', 'हमें चाहिए आजादी' और 'कश्मीर में कत्लेआम बंद करो' के नारे लगाए। 74 साल तक POK में गलत नीति अब पाकिस्तान के खिलाफ ही भारी पड़ रही है।
एक अखबार के मुताबिक POK में इन दिनों प्रदर्शन आम बात हो गई है। कई संस्थाओं के समर्थन से गिलगिट, स्कार्दू और कुछ अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। लोगों में कई चीजों को लेकर असंतोष सामने आ रहा है। एक ट्विटर अकाउंट ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'POK के लोग पाकिस्तानी सेना वापस जाओ, हम आजादी चाहते हैं और कश्मीर में हत्या बंद करो के नारे लगा रहे हैं। सड़क के बीच में UN की गाड़ी रोकी गई है।'
People from #Pakistan occupied #Kashmir (POK) are shouting slogans "Pakistani forces go back go back", "We want freedom" and "Stop k!ll!ing in Kashmir ", stopping United Nations @UN vehicle in the middle of the road. pic.twitter.com/q9JtNCuvdZ
— Koustuv 🇮🇳 🧭 (@srdmk01) July 8, 2022
गिरफ्तारियों को लेकर हो रहा विरोध
प्रदर्शन कर रहे लोग कई मुद्दे पर सरकार के खिलाफ हैं, जिनमें लोड शेडिंग, महंगाई और जमीनों को खनन के लिए विदेशी कंपनी को लीज पर देना है। लेकिन इसके साथ ही लोग POK में इमामिया समुदाय के लोगों की गिरफ्तारियों को लेकर भी नाराज हैं। सरकार ने गिरफ्तार लोगों को जल्द रिहा करने की बात कही थी। 13 अक्टूबर 2005 में हुई 13 नेताओं की गिरफ्तारी की निंदा के लिए गिलगिट में हाल ही में प्रदर्शन हुए। 2009 में एक सैन्य अदालत ने इन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
छह दिनों से चल रहा प्रदर्शन
सोमवार को जाफरिया समुदाय के प्रमुख आगा राहत हुसैन अल-हुसैन ने उम्रकैद की सजा पाने वाले 13 युवकों की रिहाई पर चिंता जाहिर की थी। पिछले छह दिनों से जाफरिया समुदाय की महिलाओं और बच्चों का प्रदर्शन जारी है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक अंजुमन-ए-इस्लामिया ने भी इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया, क्योंकि दो महीने पहले सरकार ने उनकी रिहाई का वादा किया था, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
Next Story