विश्व
इस देश में भारत विरोधी प्रदर्शन माना जाएगा अपराध, सरकार देगी ये सजा
Renuka Sahu
1 Feb 2022 4:13 AM GMT
x
फाइल फोटो
मालदीव में भारत विरोधी प्रदर्शन की भारी कीमत चुकानी होगी. सत्ताधारी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी एक ऐसा बिल लेकर आ रही है, जिसके कानून बनते ही भारत के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन अपराध बन जाएगा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मालदीव में भारत विरोधी प्रदर्शन (Anti-India Protests in Maldives) की भारी कीमत चुकानी होगी. सत्ताधारी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) एक ऐसा बिल लेकर आ रही है, जिसके कानून बनते ही भारत के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन अपराध बन जाएगा. बता दें कि हाल ही में सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें मालदीव के लोग 'इंडिया आउट' (India Out) की टी-शर्ट पहने भारत सरकार के खिलाफ विरोध जताते नजर आ रहे हैं. MDP का मानना है कि इस तरह के प्रदर्शनों से द्विपक्षीय रिश्ते प्रभावित होते हैं. इसलिए इन पर रोक लगाई जानी चाहिए.
पूर्व राष्ट्रपति चला रहे अभियान
मालदीव में चीन (China) समर्थक पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन (Abdulla Yameen) की तरफ से भारत (India) के खिलाफ 'इंडिया आउट' अभियान चलाया जा रहा है. इस तरह के अभियानों को अवैध घोषित करने के लिए सरकार नया विधेयक लाने पर विचार कर रही है. इसका उद्देश्य एक संतुलित विदेशी नीति को अपनाना है, जो बाकी देशों के साथ उसके संबंधों को मजबूत बनाने में असरदार सिद्ध होगी.
ऐसा है सजा का प्रावधान
नए विधेयक के तहत भारत विरोधी नारे लगाने वालों से 20,000 मालदीवियन रुफिया का जुर्माना वसूला जाएगा. इसके साथ ही 6 माह की जेल या फिर 1 साल के लिए नजरबंद करने का भी प्रावधान है. MDP के एक नेता ने कहा, '87 सदस्यों वाली संसद में हमारे पास स्पष्ट बहुमत है. लिहाजा इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन बिल का विरोध कर रहा है. हमें लगता है कि इस तरह का कठोर कानून बनाए जाने की जरूरत है,क्योंकि हमारी और भारत की सुरक्षा आपस में जुड़ी हुई है'.
Bill के विरोध में उठी आवाजें
हालांकि, इस बिल के विरोध में भी आवाजें उठ रही हैं. विरोधियों का कहना है कि ये विरोध के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है. बता दें कि जेल से छूटने के बाद पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के 'इंडिया आउट' कैंपेन में और अधिक तेजी आई है. यामीन ने भारत पर देश की आंतरिक राजनीति में दखल देने और मालदीव की मौजूदा सरकार पर भारत के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया है. वैसे यह पहली बार नहीं है जब मालदीव में भारतीय सेना और भारत सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं. ऐसा ही विरोध साल 2012 में हुआ था, जिसके बाद भारतीय एयरपोर्ट ऑपरेटर जीएमआर को उस वर्ष मालदीव छोड़ भारत लौटना पड़ा था.
Next Story