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तालिबान का फिर एक नया फरमान, कहा- साथ नहीं पढ़ेंगे लड़के-लड़कियां

Neha Dani
30 Aug 2021 10:07 AM GMT
तालिबान का फिर एक नया फरमान, कहा- साथ नहीं पढ़ेंगे लड़के-लड़कियां
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निजी विश्वविद्यालयों के संघ के प्रमुख तारिक कुमा ने कहा, 'बड़ी समस्या कानूनों में है और हम चाहते हैं कि मंत्रालय के अधिकारी उन्हें जल्द ही संसोधित करें।'

अफगानिस्तान एक बार फिर तालिबानी कानूनों के शिकंजे में है। उसके कानूनों को लागू करने की शुरूआत महिलाओं से ही शुरू हुई है। तालिबान ने फरमान जारी किया है कि किसी भी कालेज में लड़के-लड़कियां साथ नहीं पढ़ेंगे। लड़कियों की क्लास अलग लगाई जाएंगी।

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को तालिबान के उच्च शिक्षा विभाग के कार्यवाहक मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी ने मंत्रालय के कर्मचारियों, पब्लिक और प्राइवेट यूनीवर्सिटी से कहा है कि लड़कियों को शिक्षा का अधिकार है, लेकिन उनकी क्लास अलग लगाई जाएं। लड़के-लड़कियां एक साथ नहीं पढ़ सकते। उन्होंने कहा कि छात्राओं के लिए सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा। यह जानकारी हक्कानी ने एक कार्यक्रम में दी।
इसी कार्यक्रम में पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री अब्बास बसीर ने कहा कि बीस साल में शिक्षा ही ऐसा सेक्टर है, जहां सबसे ज्यादा प्रगति की गई है। बसीर ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्रालय ने सिस्टम-मेकिंग के मामले में किसी भी अन्य विभागों की तुलना में बेहतर प्रगति की है।
नए मंत्री हक्कानी ने कहा कि विश्वविद्यालयों को जल्द ही खोला जाएगा। साथ ही विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले व अन्य कर्मचारियों को जल्द ही वेतन दिया जाएगा। अफगानिस्तान के शिक्षा क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि तालिबान के फरमान के बाद लड़कियों की क्लास अलग लगाने के लिए अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था करना चुनौतीपूर्ण होगा।
वहीं, निजी विश्वविद्यालयों के केंद्रीय अधिकारियों ने कहा कि अधिकांश कानून निजी विश्वविद्यालयों पर लागू किए गए हैं और उन्होंने नए कार्यवाहक मंत्री से अगली सरकार में इस समस्या का समाधान करने का आग्रह किया निजी विश्वविद्यालयों के संघ के प्रमुख तारिक कुमा ने कहा, 'बड़ी समस्या कानूनों में है और हम चाहते हैं कि मंत्रालय के अधिकारी उन्हें जल्द ही संसोधित करें।'


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