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काबुल से 168 लोगों को लेकर एक और फ्लाइट ने भरी उड़ान, रास्ते में है 87 भारतीयों की दूसरी फ्लाइट

Neha Dani
22 Aug 2021 2:56 AM GMT
काबुल से 168 लोगों को लेकर एक और फ्लाइट ने भरी उड़ान, रास्ते में है 87 भारतीयों की दूसरी फ्लाइट
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हवाई अड्डे के बाहर तालिबान कंट्रोलिंग पॉइंट पर अफरा-तफरी का माहौल है.

काबुल हवाई अड्डे पर मची अबरा-तफरी और तालिबान के कबज्जे के बाद बिगड़ी स्थिति के चलते दो भारतीय विमानों के वहां से उड़ान भरने में देरी हुई. सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारतीय वायु सेना के सी-17 विमान ने आज सुबह काबुल से 168 लोगों के साथ उड़ान भरी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के मुताबिक 107 भारतीय नागरिकों सहित 168 यात्रियों के साथ IAF की खास उड़ान काबुल से दिल्ली के रास्ते में है. 168 लोगों का विमान आज देर शाम तक गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतरेगा.

वहीं शनिवार को 87 भारतीयों संग एयर इंडिया की एक फ्लाइट ने उड़ान भरी थी.सूत्र बताते हैं की लॉजिस्टिक्स से संबंधित दिक्कतों को चलते फ्लाइट्स के टेकऑफ करने में दिक्कत हुई. फिलहाल ये अमेरिकी सुरक्षाबलों के कंट्रोल में है. हवाई अड्डे के बाहर तालिबान कंट्रोलिंग पॉइंट पर अफरा-तफरी का माहौल है.
अब तक कितनों को निकाला गया


शुरुआती भारतीय वायुसेना की IAF C-17 की दो फ्लाइट्स के जरिए करीब 200 लोगों को वहां से निकाला गया. मंगलवार को भारतीय राजनयिकों, फंसे हुए नागरिकों समेत 150 लोगों ने काबुल से उड़ान भरी. दो फ्लाइट्स के उड़ान भरने के बाद विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि काबुल से सभी भारतीयों को सुरक्षित निकालने पर पूरा ध्यान सुनिश्चित करना होगा. MEA ने साफ कहा कि इस वक्त सरकार की प्राथमिकता इस वक्त अफगानिस्तान में मौजूद सभी नागरिकों के बारे में सटीक जानकारी हासिल करना है. भारतीयों और उनके इम्पलॉयर्स से उनके बारे में जानकारी शेयर करने का अनुरोध किया गया है.
इतने लोगों के फंसे होने की आशंका
मोटे तौर पर अनुमान के मुताबिक अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की संख्या करीब 400 हो सकती है. भारत, अमेरिका और अन्य मित्रों से कॉर्डिनेशन के जरिए अफागनिस्तान से उन्हें निकालने की कोशिश कर रहा है. तालिबान कह चुका है नई सरकार की रूपरेखा का ऐलान तब तक नहीं करेंगे, जब तक अमेरिकी सैनिकों की वापसी की 31 अगस्त की समयसीमा खत्म नहीं हो जाती. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अब तक 13 देश कम से कम अस्थायी रूप से जोखिम वाले अफगानों को शरण देने के लिए राजी हुए हैं.


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