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नेपाल में पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को एक और बड़ा झटका, सभी 7 राज्‍यों में सरकार बना सकती है नेपाली कांग्रेस

Rounak Dey
28 Nov 2022 9:09 AM GMT
नेपाल में पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को एक और बड़ा झटका, सभी 7 राज्‍यों में सरकार बना सकती है नेपाली कांग्रेस
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चीन ने चुनाव से पहली ओली और प्रचंड को फिर से मिलाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी थी लेकिन उसे सफलता नहीं मिल पाई है।
काठमांडू: नेपाल में पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को एक और बड़ा झटका लगा है। नेपाल की संघीय सरकार की तरह से प्रांतों में भी केपी ओली की पार्टी हार की ओर बढ़ रही है। नेपाली कांग्रेस के नेतृत्‍व वाला गठबंधन सभी 7 प्रांतों में बहुमत की ओर बढ़ रहा है। विश्‍लेषकों का कहना है कि अगर नेपाली कांग्रेस के नेतृत्‍व वाला गठबंधन केंद्र में सरकार बना लेता है तो प्रांतों में भी पैकेज डील के तहत इसी गठबंधन की सरकार बन सकती है।
नेपाली कांग्रेस के गठबंधन ने दावा करना शुरू कर दिया है कि 5 दलों का उनका अलांयस संघीय सरकार बनाएगा। नेपाल कांग्रेस के नेता और गृहमंत्री बालकृष्‍ण खांड ने कहा कि 5 दलों वाला गठबंधन संघीय सरकार बनाएगा और यह गठबंधन अगले 5 साल तक चलेगा। शनिवार को प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और और पुष्‍प कमल दहल के बीच बातचीत हुई है। दोनों नेताओं ने गठबंधन को जारी रखने का फैसला किया और अगले कदम पर चर्चा की।
रिजल्‍ट पर भारत, चीन और अमेरिका तीनों की ही नजरें
काठमांडू पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक अगर यह होता है तो ताजा चुनावी नतीजों से इस बात के ज्‍यादा चांस हैं कि नेपाली कांग्रेस सभी 7 प्रांतों में सरकार बना सकती है। प्रचंड की पार्टी सीपीएन माओवादी के नेता गनेश शाह ने कहा कि 5 दलों के गठबंधन में जनता समाजवादी पार्टी के नेता उपेंद्र यादव भी शामिल होंगे। उन्‍होंने कहा कि दोनों ही मधेसी पार्टियों की मदद से हम आसानी से सरकार बनाने लायक बहुमत हासिल कर लेंगे।
नेपाली कांग्रेस के नेतृत्‍व वाले इस गठबंधन में प्रधानमंत्री देउबा, सीपीएन माओवादी के नेता प्रचंड, सीपीएन यूनिफाइड सोसलिस्‍ट के माधव नेपाल, महंत ठाकुर की पार्टी लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी और चित्र बहादुर के नेतृत्‍व वाला राष्‍ट्रीय जनमोर्चा शामिल है। सत्‍तारूढ़ गठबंधन को अब तक चुनाव में 82 सीटें मिली हैं। वहीं केपी ओली के गठबंधन को सीधे हुए चुनाव में 52 सीटें मिली हैं। इस चुनाव पर भारत, चीन और अमेरिका तीनों की ही नजरें हैं। चीन ने चुनाव से पहली ओली और प्रचंड को फिर से मिलाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी थी लेकिन उसे सफलता नहीं मिल पाई है।

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