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दो सिस्टम के सिद्धांत को ताइवान के लोग स्वीकार कर लेंगे।
चीन ने ताइवान को अपनी मुख्यभूमि में मिलाने का इरादा काफी पहले से दुनिया के सामने जाहिर किया है। अब उसने इसको लेकर एक व्हाइट पेपर The Taiwain question and China Reunification in the 'New Era' जारी किया है। ये व्हाइट पेपर इसलिए भी खास हो गया है क्योंकि ये नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद जारी किया गया है। दूसरा इसलिए भी कि चीन ने कुछ दिन पहले ही ताइवान के चारों तरफ लाइव फायर ड्रिल को बंद करने का ऐलान किया है। इसके अलावा इस व्हाइट पेपर की कुछ और खास बात भी हैं।
व्हाइट पेपर पर चीन के एक्सपर्ट का कहना है कि डेमोक्रेटिव प्रोग्रेसिव पार्टी के ताइवान के प्रति रुख को लेकर हैरान नहीं होना चाहिए, क्योंकि ताइवान को लेकर हमेशा से ही चीन का एक ही रुख रहा है।
एक्सपर्ट मानते हैं कि ताइवान को मेनलैंड में मिलाने के बाद चीन वहां के लोगों को अपनी राय के साथ सहमत होने के लिए पूरा वक्त देगा। इसके अलावा वो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इसके लिए पूरा समय देगा कि ताइवान को मेनलैंड में शामिल करने से वहां की विकास और समृद्धि के अलावा शांति और स्थिरता में कभी कोई कमी नहीं आएगी।
चीन के ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि अमेरिका ताइवान को चीन की मुख्यभूमि में मिलाने में सबसे बड़ी रुकावट पैदा कर तनाव बढ़ाने का काम कर रहा है।
चीन सरकार के मुखपत्र के मुताबिक गुरुवार शाम 5 बजे (स्थानीय समयानुसार) चीन की पीएलए के 21 मिलिट्री एयरक्राफ्ट और 6 पीएलए वारशिप को ताइवान ने ताइवान स्ट्रेट में डिटेक्ट किया था। इनमें से कुछ Median Line को पार कर चुके थे। चीन इस लाइन को नहीं मानता है।
ताइवान अफेयर्स आफिस आफ स्टेट काउंसिल के प्रवक्ता का कहना है कि समय के साथ एक देश दो सिस्टम के सिद्धांत को ताइवान के लोग स्वीकार कर लेंगे।
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