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पिता के इस वीडियो को देखकर गुस्से में लोग!

jantaserishta.com
10 Aug 2022 11:55 AM GMT
पिता के इस वीडियो को देखकर गुस्से में लोग!
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

देखें वीडियो।

नई दिल्ली: इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया पर एक पिता का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे अपने 5 बच्‍चों को पट्टे में बांधकर घुमाते दिख रहे हैं. सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने उनके व्‍यवहार की कड़ी आलोचना की है.

दरअसल, जॉर्डन ड्रिस्‍केल नाम के शख्स ने ही अपने बच्‍चों को घुमाने का वीडियो इंस्‍टाग्राम पर अपलोड किया था. वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने इस शख्‍स को खूब खरी-खटी सुनाई. लोगों ने कहा 'ये इंसान हैं ना कि कुत्‍ते'. बच्‍चों के डॉक्‍टरों ने भी इस पर सवाल उठाए हैं.
जॉर्डन ड्रिस्‍केल 31 साल के हैं. वो केंटुकी (अमेरिका) में रहते हैं. जॉर्डन, अपने पांचों बच्‍चों जोए, डकोटा, होलेन, एशर और गाविन को पट्टे (Leash) से बांधकर घुमाने ले गए थे.
पट्टों का दूसरा सिरा ठीक वैसा था, जैसे कोई पीठ पर अपना बैग लादता है. इसका एक छोर जॉर्डन के हाथ में नजर आ रहा है. हालांकि, कई देशों में इस तरह के बच्‍चों के पट्टे (Kid leash) का प्रचलन है.
जॉर्डन ने कहा कि उनके बच्‍चे बाहर जाकर इधर-उधर भागते हैं. यही कारण है कि उनकी पत्‍नी ब्रायना (34) और उन्‍होंने यह तरकीब निकाली.
इससे बच्‍चे गुम नहीं होते. जॉर्डन अपने इस तरीके के बचाव में बोले- उनके बच्‍चों को भी यह काफी पसंद है. ऐसे में जब बच्‍चे बाहर होते हैं तो उन्‍हें भी ज्‍यादा तनाव नहीं होता है.
वीडियो में जॉर्डन अपने पांच बच्‍चों को पांच रस्सियों में पकड़े हुए हैं. इन रस्सियों का छोर बच्‍चों से बंधा हुआ है. बच्‍चे एक मछलीघर के बाहर नजर आ रहे हैं. इंस्‍टाग्राम पर वीडियो अपलोड होते हुए वायरल हो गया. इसे 30 लाख से अधिक व्‍यूज मिल चुके हैं.
इस वीडियो को लेकर यूजर्स के भी अलग-अलग ओपिनियन सामने आए. समर्थन करने वाले एक यूजर ने लिखा- मुझे इसमें कुछ गलत नहीं लगा.
वहीं, विरोध करने वाले लोगों ने तर्क दिया कि ये बच्‍चे इंसान हैं ना कि कुत्‍ते.
इस मामले में बच्‍चों के डॉक्‍टर और अमेरिका एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्‍स में इंजरी प्रीवेंशन काउंसिल के चेयरमैन बेंजामिन हॉफमैन ने कहा- इस तरह बच्‍चों को देख वो खुश नहीं हैं. बच्‍चों को ऐसे बांधने से दम भी घुट सकता है.
एक अन्‍य डॉक्‍टर देबोराह गिलोबा ने कहा- बच्‍चों के साथ जानवरों की तरह व्‍यवहार नहीं किया जा सकता है. इससे बेहतर तो यह है कि बच्‍चों को घर पर ही रखा जाए.


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