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जून के अंतिम दिनों में स्वीडन में कुरान जलाने को लेकर मुस्लिम देश अभी भी भड़के हुए हैं. घटना पर विरोध जताते हुए यमन के हूती विद्रोहियों ने अब स्वीडन के सामानों का बहिष्कार करने का फैसला किया है. हूतियों की तरफ से संचालित टीवी चैनल अलमसीरा ने बताया है कि हूतियों ने स्वीडन से आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है.अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हूती व्यापार मंत्री मुहम्मद शराफ अल-मुताहर ने कहा कि स्वीडन से आयात प्रतिबंध का निर्णय 4 जुलाई को लिया गया. इसके बाद बीते शनिवार से इसे लागू किया गया गया है. उन्होंने बाकी मुस्लिम देशों से आग्रह किया कि वो भी स्वीडन के सामानों को अपने देश में न आने दें.अलमसीरा ने हूती व्यापार मंत्री के हवाले से कहा, 'यमन कुरान के अपमान के बाद स्वीडन की वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध लगाने वाला पहला इस्लामिक देश है.'
हूतियों के ट्रेडमार्क और वाणिज्यिक एजेंसियों के विभाग ने 30 स्वीडिश एजेंसियों और 100 स्वीडिश ब्रांडों की सूची तैयार की है जिन्हें देश में आयात नहीं किया जाएगा. व्यापार मंत्री अल-मुताहर ने कहा कि स्वीडिश वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला मंत्रिपरिषद की मंजूरी से पारित किया गया और इसे लागू करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है.उन्होंने कहा, 'अगर किसी दुकान में स्वीडन का सामान दिखता है तो मालिक को गिरफ्तार किया जाएगा. इसे लेकर हमने प्राइवेट सेक्टर के साथ एक बैठक की है और उन्होंने हमारे फैसले का खुले मन से स्वागत किया है.'अलमसीरा टीवी पर एक हूती नेता सैय्यद अब्दुलमलिक ने कहा कि अगर मुस्लिम देश एकजुट होकर स्वीडन का और उसके सामान का बहिष्कार करते हैं तो उस पर काफी प्रभाव पड़ सकता है जो दूसरों के लिए एक सबक हो सकता है.उन्होंने कहा, 'कुरान जलाने के अपराध के लिए हम स्वीडन को सबसे कम सजा यह दे सकते हैं कि उसके साथ राजनयिक संबंधों को खत्म कर लें और उसका आर्थिक बहिष्कार करें.'हूतियों ने साल 2014 के अंत में राजधानी सना से सऊदी अरब समर्थित यमन की सरकार को हटा दिया था और देश के कई क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था. उत्तरी यमन में हूतियों की सरकार चलती है जबकि यमन में पिछले साल बनाई गई पॉलिटिकल लीडरशिप काउंसिल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हासिल है.
28 जून को स्वीडन में बकरीद के मौके पर एक इराकी शरणार्थी सलवान मोमिका ने राजधानी स्टॉकहोम की एक मस्जिद के सामने कुरान की एक प्रति में आग लगा दी थी. मोमिका ने पहले तो कुरान को पैरा से कुचला, उसके पन्ने फाड़े और फिर उसे आग के हवाले कर दिया.इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद मुस्लिम देश भड़क गए. सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, पाकिस्तान, मोरक्को, कुवैत आदि देशों ने घटना की कड़ी आलोचना की और स्वीडन से इस तरह की घटनाओं को सख्ती से रोकने की मांग की.इराक, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब सहित कई मुस्लिम देशों ने स्वीडन के राजदूतों को तलब कर उनसे अपना विरोध भी जताया.हालांकि, स्वीडन पर अभी तक किसी देश ने आयात प्रतिबंध नहीं लगाया है. हूती स्वीडन पर आयात प्रतिबंध लगाने वाले पहले समूह हैं. हूतियों के व्यापार मंत्री ने कहा, 'यह एक प्रतिकात्मक कदम है, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापार सीमित है.'पिछले साल जनवरी में भी स्वीडन में कुरान जलाने का एक मामला सामने आया था. स्वीडन के एक धुर-दक्षिणपंथी नेता रामसन पालुदान ने कुरान को आग के हवाले कर दिया था. इस घटना के बाद भी हूतियों ने स्वीडन पर आयात प्रतिबंध लगाया था. हूती मंत्रीपरिषद ने स्वीडन के साथ-साथ, डेनमार्क, नीदरलैंड्स, अमेरिका और इजरायल के सामानों के बहिष्कार को मंजूरी दी थी.
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर संयुक्त राष्ट्र के COMTRADE डेटाबेस के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, स्वीडन से यमन का आयात 2019 में 2.618 करोड़ था.वहीं, स्वीडन की आधिकारिक सांख्यिकी सर्विस के अनुसार, 2022 की पहली तिमाही की तुलना में इस साल की पहली तिमाही में यमन को स्वीडिश निर्यात में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यमन में स्वीडन से सबसे अधिक निर्यात गाड़ियों का होता है. इसके बाद लकड़ी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का स्थान आता है.
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Harrison
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