
स्वीडन में बार-बार कुरान जलाए जाने को लेकर टकराव जारी है। इस घटना को लेकर कई इस्लामिक राष्ट्रों में स्वीडन के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन हुए। इस घटना को लेकर इस्लामिक राष्ट्रों में गुस्सा है। इस मुद्दे में 57 इस्लामिक राष्ट्रों के संगठन इस्लामिक योगदान संगठन (OIC) ने सोमवार को एक और बैठक की। बैठक में निर्देश दिया गया कि स्वीडन, डेनमार्क या किसी अन्य राष्ट्र जहां कुरान जलाने की घटनाएं होती हैं, उसके विरुद्ध जरूरी कार्रवाई की जाए.
बैठक की आरंभ में ओआईसी महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा ने घटना की आलोचना की और इल्जाम लगाया कि कुरान के अपमान को रोकने के लिए स्वीडिश और डेनिश ऑफिसरों द्वारा कोई आधिकारिक कार्रवाई नहीं की गई. हिसेन ब्राहिम ताहा ने दोहराया कि दोनों सरकारों को ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए आधिकारिक तरीका करने चाहिए.
ऐसी घटनाएं धर्मों के प्रति सम्मान की कमी का कारण बनती हैं- OIC
ताहा ने कुरान के बार-बार अपमान को लेकर ऑफिसरों के रवैये पर विरोध जताते हुए ओआईसी राष्ट्रों से स्वीडन और डेनमार्क के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की भी अपील की। उन्होंने बोला कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दावा करने वाले संबंधित अधिकारी अक्सर अंतर्राष्ट्रीय कानून के विरुद्ध ऐसे क्राइम करने का लाइसेंस देते हैं. ऐसी घटनाओं से धर्मों का सम्मान कम होता है.’
यह एक नस्लीय क्राइम है – कतार
बैठक में कुरान जलाने की घटना की आलोचना करते हुए कतर ने बोला कि यह एक नस्लीय क्राइम था जिसका उद्देश्य लोगों के बीच नफरत फैलाना था. विदेश मंत्रालय में तरराष्ट्रीय योगदान राज्य मंत्री महामहिम लोलवाह बिंत राशिद अल सखार ने बोला कि कुछ कोशिश किए गए थे सरकारों की नाक के नीचे पवित्र कुरान को अपवित्र करने और जलाने के लिए वे आये. यह जानबूझकर किया गया क्राइम है। ऐसे राष्ट्र शांति को खतरे में डालने के अतिरिक्त अपने राष्ट्र में सामाजिक शांति के लिए भी खतरा पैदा कर रहे हैं.
स्वीडन में फिर जलाई गई कुरान
आपको बता दें कि स्वीडन में अक्सर कुरान फाड़ने और जलाने की घटनाएं होती रहती हैं. इसके अतिरिक्त कल, सोमवार को दो प्रदर्शनकारियों ने स्टॉकहोम में संसद के बाहर कुरान में आग लगा दी. सबसे बड़ी बात यह है कि हाल के दिनों में कुरान जलाने की यह तीसरी घटना है।
