विश्व

अमरुल्ला सालेह ने तालिबान के खिलाफ निर्वासित सरकार बनाई , खुद को केयरटेकर प्रेसिडेंट घोषित किया

Renuka Sahu
30 Sep 2021 3:10 AM GMT
अमरुल्ला सालेह ने तालिबान के खिलाफ निर्वासित सरकार बनाई , खुद को केयरटेकर प्रेसिडेंट घोषित किया
x

फाइल फोटो 

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद तालिबान अंतरिम सरकार का ऐलान कर चुकी है. हा

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद तालिबान अंतरिम सरकार का ऐलान कर चुकी है. हालांकि, पंजशीर में नेशनल रेसिस्टेंट फोर्स और पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (Amrullah Saleh) ने तालिबान की सरकार को मानने से इनकार कर दिया है. NRF और सालेह ने अलग सरकार बनाने की बात कही थी. सालेह ने बुधवार को निर्वासित सरकार (Government in Exile) का गठन भी कर दिया.

पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (Amrullah Saleh) ने कहा है कि वो इस निर्वासित सरकार के कार्यवाहक राष्ट्रपति होंगे, क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) न तो उनके साथ हैं और न ही वो अफगानिस्तान (Afghanistan) में मौजूद हैं. बता दें कि सालेह इस वक्त स्विटजरलैंड में हैं. कुछ दिनों पहले तालिबान ने पंजशीर में उनके घर पर हमला किया था. इस हमले में वह किसी तरह बच निकले थे. हालांकि, तालिबानी लड़ाकों ने सालेह के बड़े भाई की हत्या कर दी थी.
यही सर्वमान्य सरकार
अफगानिस्तान की खामा न्यूज एजेंसी से बातचीत में सालेह ने कहा- 'मैंने निर्वासित सरकार का गठन कर दिया है. यही सरकार कानूनी तौर पर और दुनिया के लिए अफगानिस्तान की सर्वमान्य सरकार होगी.' स्विटजरलैंड स्थित अफगानिस्तान एम्बेसी ने भी सालेह का यही बयान जारी किया है. इसे दुनिया की ज्यादातर न्यूज एजेंसी और दूतावासों को फैक्स के जरिए भेजा गया.
तालिबान मंजूर नहीं
इस बयान में साफ तौर पर कहा गया है- 'तालिबान ने अफगानिस्तान में जो सरकार बनाई है, इंटरनेशनल लॉ के हिसाब से उसका कोई वजूद नहीं है. न ही वो अफगान लोगों का प्रतिनिधित्व करती है. निर्वासित सरकार के बारे में संबंधित लोगों से बातचीत की गई है. हमारे मुल्क पर इस वक्त बाहरी लोगों का कब्जा है.'
दूसरे लोगों का जिक्र नहीं
इस मामले में खास बात यह है कि बयान में सालेह के अलावा किसी और नेता या अफसर का नाम नहीं बताया गया हो जो कार्यवाहक सरकार का हिस्सा होगा. पंजशीर में तालिबान को चैलेंज करने वाले अहमद शाह मसूद का नाम भी कहीं नहीं है.


Next Story