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राष्ट्रपति चुनाव के बाद ये चरम पर पहुंच गई थी। इस चुनाव में गड़बड़ी किए जाने की भी काफी खबरें सामने आई थीं
बेलारूस में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर सामने आई वार्षिक रिपोर्ट काफी चौकाने वाली है। ये रिपोर्ट स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ अनाइस मरीन ने जारी की है। उनका कहना है कि वर्ष 2020 में जब पूरी दुनिया में महामारी बेहद गंभीर अवस्था में थी उस वक्त बेलारूस में मानवाधिकार स्थिति का जबरदस्त संकट देखा गया था। उन्होंने सरकार से दमनकारी नीतियों को तुरंत रोकने और लोगों की जायज मांगों का सम्मान करने की अपील की है।
इस चुनाव के विरोध में बेलारूस की सड़कों पर जबरदस्त प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान लोगों को जबरन लापता किए जाने और उन्हें प्रताडि़त किए जाने और सिविल सोसायटी के लोगों के साथ बुरा व्यवहार करने, उन्हें डराने और धमकाने की खबरें सामने आईं थी। मरीन ने बताया कि इस दमन प्रक्रिया ने अधिकारियों ने पूरा सहयोग किया। इसमें समाज के हर वर्ग को निशाना बनाया गया। यहां तक की इस दौरान मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, वकीलों तक को भी नहीं बख्शा गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये दमनचक्र इतना भयानक था कि कुछ लोगों को यहां से जाने पर मजबूर तक होना पड़ा था। कुछ ऐसे भी थे जिन्हें जबरन विस्थापित कर दिया गया था।
मानवाधिकार विशेषज्ञ के मुताबिक रोमन प्रोतासेविच को गिरफ्तार करने के लिए मिंस्क में 23 मई की रात को उनका विमान जबरन उतारा गया। इससे ये पता चलता है कि इस देश में सरकार विरोधी कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है। प्रोतासेविच उस वक्त रायन एयर के विमान में ग्रीस से लिथुआनिया जा रहे थे। उस वक्त मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा था कि इस विमान को झूठ बोलकर उतारा गया था। मानवाधिकार विशेषज्ञ अनाइस मरीन का कहना है कि यहां पर मानवाधिकार के खराब होने की शुरुआत पिछले वर्ष बसंत में हुई थी। राष्ट्रपति चुनाव के बाद ये चरम पर पहुंच गई थी। इस चुनाव में गड़बड़ी किए जाने की भी काफी खबरें सामने आई थीं
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