यूक्रेन (Ukraine) में युद्ध के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई की भारी किल्लत (Oxygen Crisis) हो गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि अगर कीव (Kyiv) समेत अन्य शहरों के अस्पतालों तक फौरन ऑक्सीजन सप्लाई (Oxygen Supply) ना पहुंचाई गई तो हालात बेहद खतरनाक हो सकते हैं. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक यूक्रेन में 600 अस्पताल हैं. वहां अभी भी कोरोना के 1700 मरीज भर्ती हैं.
यूक्रेन में सांसों का संकट
WHO ने अपने बयान में ये भी कहा कि कोरोना मरीजों के अलावा यूक्रेन में नवजात शिशुओं, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्ग को भी समय-समय पर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है. युद्ध के बीच लोगों की मनोदशा पर पड़ने वाले असर की वजह से भी हालात चिंताजनक हुए हैं.
विषम हालातों के कारण वहां के सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन लगभग खत्म हो चुकी है. ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट से अस्पताल तक ऑक्सीजन पहुंचाने में भी ट्रकों को बहुत दिक्कत आ रही है.
बिजली संकट भी गहराया
यूक्रेन पर रूस के हमले के 100 घंटे पूरे हो चुके हैं. आज हमले का पांचवां दिन है. देशभर में आए इस संकट के बीच यूक्रेन में बिजली की किल्लत हो गई है. इस वजह से भी वहां के अस्पतालों यानी स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर संकट मंडरा रहा है. इसी तरह एंबुलेंस के जरिए मरीजों को एक स्थान से दूसरी जगह शिफ्ट करने के दौरान उनपर भी गोलीबारी का खतरा बढ़ गया है.