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यूक्रेन-रूस संकट के बीच अमेरिका ने यूक्रेन के टूटे हुए क्षेत्रों में व्यापार और निवेश पर रोक लगाई, कहा- अब किनारे खड़े रहने का वक्त नहीं

Renuka Sahu
22 Feb 2022 4:35 AM GMT
यूक्रेन-रूस संकट के बीच अमेरिका ने यूक्रेन के टूटे हुए क्षेत्रों में व्यापार और निवेश पर रोक लगाई, कहा- अब किनारे खड़े रहने का वक्त नहीं
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फाइल फोटो 

रूस द्वारा पूर्वी यूक्रेन के दो क्षेत्रों डोनेत्स्क एवं लुहांस्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दिए जाने के बाद अमेरिका ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस द्वारा पूर्वी यूक्रेन के दो क्षेत्रों डोनेत्स्क एवं लुहांस्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दिए जाने के बाद अमेरिका ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए जिसके तहत अमेरिकी नागरिक और व्यापारी इन दो क्षेत्रों में किसी तरह का निवेश, कारोबार एवं वित्तीय सहायता नहीं कर पाएंगे। बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार देर रात पूर्वी यूक्रेन के इन दोनों अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे दी है। जिसके बाद पश्चिमी देशों एवं रूस के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया है।

बाइडन ने किया ट्वीट
कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए बाइडन ने लिखा कि मैंने रूस को अंतरराष्ट्रीय कानून के घोर उल्लंघन से रोकने के लिए इस कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। हम अगले कदमों पर यूक्रेन सहित सहयोगियों और भागीदारों के साथ लगातार परामर्श कर रहे हैं। बाइडन ने आगे कहा कि मिन्स्क समझौतों के तहत रूस की प्रतिबद्धताओं से यूक्रेन की शांति, स्थिरता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को और खतरा है। इसके अलावा रूस के इस कदम से संयुक्त राष्ट्र की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए एक असामान्य और असाधारण खतरा है।
वैश्विक खतरे के बीच UNSC की आपात बैठक जारी
रूस-यूक्रेन संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक जारी है। वहीं इस बैठक में अमेरिका ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन का यह कदम स्पष्ट रूप से यूक्रेन के आगे आक्रमण का बहाना बनाने के रूस के प्रयास का आधार है।
11 घंटे के भीतर बदल गए रूस के तेवर
अमेरिका और रूस की ओर से सोमवार सुबह जारी हुए बयानों के 11 घंटे बाद पुतिन ने राष्ट्र के नाम संबोधन में अलगाववादियों के कब्जे वाले डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र करार दे दिया। ये दोनों ही क्षेत्र रूस की सीमा के करीब हैं। इसके ठीक बाद पुतिन ने अपने रक्षा मंत्रालय को आदेश दिया कि वह रूसी सैनिकों को इन दोनों शहरों में भेजकर शांति अभियान चलाए। यानी रूस ने सीधे तौर पर यूक्रेन में सैन्य अभियान चलाने का आदेश दे दिया।
भारत ने भी दी प्रतिक्रिया
रूस-यूक्रेन संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में भारत ने कहा कि रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है। इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है। हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं। हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है। नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है। 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं। भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है।
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