विश्व

ब्राजील में मंकीपाक्स की बढ़ती आशंका के बीच बंदरों पर हो रहे हैं हमले, WHO ने जताया दुख

Renuka Sahu
10 Aug 2022 2:25 AM GMT
Amidst the growing fear of monkeypox in Brazil, monkeys are being attacked, WHO expressed grief
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फाइल फोटो 

ब्राजील में मंकीपाक्स की आशंका के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को बंदरों की हत्या पर दुख जताया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्राजील में मंकीपाक्स की आशंका के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को बंदरों की हत्या पर दुख जताया। ब्राजील की न्यूज वेबसाइट G1 ने रविवार को बताया कि साओ पाउलो राज्य के साओ जोस डो रियो प्रेटो शहर में एक हफ्ते से भी कम समय में 10 बंदरों को जहर दिया गया है। इसी तरह की घटनाएं अन्य शहरों में भी हुई हैं।

जिनेवा में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने कहा, 'लोगों को यह जानना होगा कि अब हम जो इन्फेक्शन फैलता देख रहे हैं वह मनुष्यों के बीच है।'
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, ब्राजील में मंकीपाक्स के 1,700 से अधिक मामले हैं। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 29 जुलाई को बीमारी से संबंधित एक मौत की पुष्टि की।
पीड़ित एक ऐसा व्यक्ति था जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम थी और एक से अधिक गंभीर बीमारी का शिकार था।
हैरिस के अनुसार, जानवरों से मनुष्यों में संक्रमण हो सकता है, लेकिन हालिया प्रकोप केवल मानव संपर्कों से संबंधित है। 'लोगों को निश्चित रूप से जानवरों पर हमला नहीं करना चाहिए।'
ब्राजील में यैलो बुखार के प्रकोप के दौरान भी बंदरों पर हमलें हुए है। मई के बाद से, लगभग 90 देशों में मंकीपॉक्स के 29,000 से अधिक मामले सामने आए हैं।
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने किया अलर्ट
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन WHO के मुताबिक मंकी पाक्स एक दुर्लभ बीमारी है। इसका संक्रमण कुछ मामलों में गंभीर हो सकता है। इस वायरस के दो स्‍ट्रेन्‍स हैं- पहला कांगो स्ट्रेन और दूसरा पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन। दोनों ही पांच साल से छोटे बच्चों को अपना शिकार बनाते हैं। कांगो स्ट्रेन की मृत्यु दर 10 फीसद और पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन की मृत्यु दर एक फीसद है। ब्रिटेन में पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। WHO के मुताबिक मंकीपाक्स के लक्षण संक्रमण के 5वें दिन से 21वें दिन तक आ सकते हैं। इसके शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसके बाद चेहरे पर दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाते हैं। संक्रमण के दौरान यह दाने कई बदलावों से गुजरते हैं और आखिर में चेचक की तरह ही पपड़ी बनकर गिर जाते हैं।
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