विश्व
अफ्रीका में ओमिक्रॉन की आफत के बीच एक और रहस्यमय बीमारी ने दी दस्तक, 89 लोगों की मौत
Renuka Sahu
15 Dec 2021 5:02 AM GMT
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फाइल फोटो
अफ्रीका में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के बाद एक रहस्यमयी बीमारी फैल रही है, जो लगातार देश के स्वास्थ्य मंत्रालय को चकमा दे रही है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफ्रीका (South Africa) में कोरोना वायरस (Coronavirus) के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के बाद एक रहस्यमयी बीमारी फैल रही है, जो लगातार देश के स्वास्थ्य मंत्रालय को चकमा दे रही है. खबरों के मुताबिक, इस बीमारी से दक्षिण सूडान के जोंगलेई राज्य के उत्तरी शहर फांगक में अब तक 89 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) की चिंता भी बढ़ गई है. WHO ने बीमार पड़ने वाले लोगों से सैंपल लेने के लिए वैज्ञानिकों की एक रैपिड रिस्पॉन्स टीम को इस क्षेत्र में भेजा है.
देश के भूमि, आवास और सार्वजनिक उपयोगिता मंत्री लैम तुंगवार कुइगवोंग के अनुसार जोंगलेई की सीमा से लगे राज्य में भयंकर बाढ़ ने मलेरिया जैसी बीमारियों के प्रसार को बढ़ावा दिया है. खाने के कमी के कारण बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के खेतों से तेल ने पानी को दूषित कर दिया है, जिससे पालतू जानवरों की भी मौत हो गई है. बाढ़ ने उन्हें भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति तक पहुंच से वंचित कर दिया गया है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर ने कहा कि देश में लगभग 60 वर्षों में आई सबसे भीषण बाढ़ से 700,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिसके लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. इस क्षेत्र में काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय धर्मार्थ संस्था मेडेकिन्स सैन्स फ्रंटियरेस (एमएसएफ) ने कहा कि बाढ़ के कारण पैदा हुई अराजकता अब स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव बढ़ा रही है.
बता दें कि दुनियाभर में कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट का खतरा बढ़ता जा रहा है. खासकर इस स्वरूप के प्रसार की बात करें तो पहली बार 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में वैज्ञानिकों ने बोत्सवाना के एक व्यक्ति में इस वेरिएंट की पहचान की थी. तबसे लेकर अब तक ओमिक्रॉन के मामले दुनिया के 60 से ज्यादा देशों में पाए जा चुके हैं. यानी तीन हफ्तों में ही कोरोना का यह वेरिएंट जबरदस्त रफ्तार से फैला है.
हालांकि, इससे पैदा होने वाले खतरे को लेकर लगातार नई जानकारियां सामने आ रही हैं. वैज्ञानिकों की ओर से दी गई सबसे ताजा जानकारी ये है कि ओमिक्रॉन के इस वेरिएंट की रफ्तार जरूर डेल्टा के मुकाबले काफी तेज है, लेकिन इससे पैदा होने वाली जटिलताएं डेल्टा के मुकाबले काफी कम हैं.
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