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रूस के यूक्रेन पर हमलों के बीच NATO ने एक्टिव किए अपने 40 हजार दमदार फोर्स, जानें क्या है इरादा

Renuka Sahu
26 Feb 2022 3:40 AM GMT
रूस के यूक्रेन पर हमलों के बीच NATO ने एक्टिव किए अपने 40 हजार दमदार फोर्स, जानें क्या है इरादा
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फाइल फोटो 

रूस का यूक्रेन पर हमला लगातार जारी है। इस बीच उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन ने रक्षात्मक उपाय के रूप में अपनी प्रतिक्रिया बल को सक्रिय कर दिया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस का यूक्रेन पर हमला लगातार जारी है। इस बीच उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने रक्षात्मक उपाय के रूप में अपनी प्रतिक्रिया बल को सक्रिय कर दिया है। नाटो की इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने शुक्रवार को कहा कि ब्लॉक ने रक्षा योजनाओं को सक्रिय कर दिया है। उन्होंने जमीन पर, समुद्र और हवा तीनों जगहों पर सैनिकों की तैनाती की बात कही है।

आपको बता दें कि नाटों ने हजारों की संख्या में सैनिकों को तैनात किया है। साथ ही 100 से अधिक जेट 30 स्थानों पर हाई अलर्ट पर हैं। स्टोलटेनबर्ग ने कहा, "गलत अनुमान या गलतफहमी के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। हम हर सहयोगी और नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा और बचाव के लिए जो कर सकते हैं वह करेंगे।"
हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि नाटो सैनिक यूक्रेन में जाएंगे। ऐसा इसलिए कि यूक्रेन नाटो का सदस्य देश नहीं है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के विरोध में निष्क्रियता के लिए 27 सदस्यीय ब्लॉक की व्यापक आलोचना के बीच यह कदम उठाया गया है।
प्रतिक्रिया बल को सक्रिय करने का निर्णय तत्काल परामर्श के बाद किया गया था जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अन्य नाटो नेता शामिल थे। आपको बता दें कि 40,000 सैनिकों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। नाटो का यह कदम अपने सदस्य देशों की सुरक्षा सुनिश्तित करने के लिए उठाया गया है। आपको बता दें कि कल रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव में जमकर बम बरसाए।
सीएनएन ने नाटो सुप्रीम एलाइड कमांडर जनरल टॉड वोल्टर्स के हवाले से कहा, "यह एक ऐतिहासिक क्षण है और पहली बार एलायंस ने इन उच्च तत्परता बलों को रक्षा भूमिका में नियुक्त किया है।"
दुनिया के सबसे बड़े सुरक्षा संगठन के पास पहले बाल्टिक देशों (एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया) और पोलैंड में लगभग 5,000 सैनिक तैनात थे, लेकिन पिछले तीन महीनों में इसकी सुरक्षा में काफी वृद्धि हुई है।
जर्मनी ने शुक्रवार को कहा कि वह स्लोवाकिया में सैनिकों और एक पैट्रियट एंटी-मिसाइल सिस्टम को तैनात करने की योजना बना रहा है। जर्मनी भी नाटो का सदस्य देश है।
नाटो के 30 सदस्य देशों में से कुछ यूक्रेन को हथियार, गोला-बारूद और अन्य उपकरणों की आपूर्ति कर रहे हैं, लेकिन नाटो एक संगठन के रूप में ऐसा काम नहीं कर रहा है। यह यूक्रेन के समर्थन में कोई सैन्य कार्रवाई शुरू नहीं करेगा। यूक्रेन नाटों का करीबी भागीदार है लेकिन इसमें शामिल होने की कोई संभावना नहीं है।
बाल्टिक सदस्यों ने कहा है कि पश्चिम को तुरंत यूक्रेनी लोगों को हथियार, गोला-बारूद और किसी भी अन्य प्रकार की सैन्य सहायता के साथ-साथ आर्थिक, वित्तीय और राजनीतिक सहायता और समर्थन के साथ मानवीय सहायता प्रदान करनी चाहिए।
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