x
बता दें कि हाल के कुछ वर्षों में चीन ने ताइवान के क्षेत्र में भी अपनी सेना की सरगर्मी तेज कर दी है।
अमेरिका से बढ़ते तनाव और दुश्मनी के मद्देनजर चीन पूरी तैयारियों में जुटा हुआ है। इसके तहत उसकी सेना उत्तर पश्चिम के रेगिस्तान में एक खास ड्रील को अंजाम देने में लगी हैं। ये ड्रील दरअसल, अमेरिका और चीन के युद्ध क्षेत्र में आमने-सामने आने और अमेरिका के डिस्ट्रॉयर या उसकी नौसेना को जवाब देने के लिहाज से की जा रही है।
चीन बीते कुछ वर्षों से अपनी मिलिट्री को अपग्रेड कर रहा और अपनी ताकत को लगातार बढ़ा रहा है। उसके इरादे पूरी तरह से साफ हैं। चीन दरअसल, दक्षिण चीन सागर और ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका से बढ़ते तनाव के मद्देनजर अपनी तैयारी में जुटा है। इसके अलावा वो भारत-प्रशांत क्षेत्र में भी अपनी ताकत और प्रभाव को बढ़ाना चाहता है।
कोलरोडो बेस्ड इमेजरी कंपनी एैक्सर टेक्नोलाजी की सैटेलाइट से मिली तस्वीरों में चीन की तैयारी साफतौर पर दिखाई दे रही है। ये ताजा तस्वीरें रविवार को ही सामने आई हैं। इसमें रेलवे ट्रेक के करीब अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर और कम से कम एक अमेरिकी डिस्ट्रॉयर की आउटलाइन देखी गई है। मैक्सर के मुताबिक, ये जगह टकलामकान रेगिस्तान के राकियांग की हैं, जो शिंजियांग प्रांत के उत्तर-पश्चिम में स्थित है।
अमेरिकी नेवल इंस्टीट्यूट के मुताबिक, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का ये एक नया टार्गेट है, जो अमेरिकी विमानवाहक पोत और डिस्ट्रोयर के रूप में सामने आ रहा है। इंस्टीट्यूट का ये भी कहना है कि चीन अपनी ताकत को अमेरिका को जवाब देने के मकसद से ही बढ़ा रहा है। वो अमेरिकी नौसेना को जवाब देने के मकसद से ये ड्रील कर रहा है।
इस ड्रील में चीन अमेरिकी विमान वाहक पोत को डुबोने, जमीन आधारित डीएफ-21डी बैलेस्टिक मिसाइल जिसको कैरियर कीलर कहा जाता है, के इस्तेमाल करने और दूसरी मिसाइलों का इस्तेमाल करने की प्रैक्टिस भी कर रहा है। बता दें कि हाल के कुछ वर्षों में चीन ने ताइवान के क्षेत्र में भी अपनी सेना की सरगर्मी तेज कर दी है।
Next Story