x
पेट्रोलियम उत्पादों और रोजमर्रा के दूसरे सामान की कीमतें लगभग दोगुनी हो गई हैं.
पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई के बीच लोगों का बुरा हाल है. इस समस्या से निपटने के लिए पाकिस्तानी मंत्री ने ऐसी सलाह दी है, जिसके बाद से लोग लगातार उनकी आलोचना कर रहे हैं. पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान मामलों के संघीय मंत्री अली अमीन गंडापुर (Ali Amin Gandapur) ने लोगों से कहा कि वह कम खाना खाएं. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, गुंडापुर ने बुधवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए ये बात कही है. उन्होंने लोगों से कहा कि चीनी और आटे की खपत कम कर दें.
मंत्री ने कहा, 'अगर चाय में चीनी के 100 दाने डालने के बजाय 9 दाने डाल दिए जाएं, तो क्या अपनी कौम और बच्चों के लिए मेरी चाय मुझे कम मीठी लगती है. हम इतने कमजोर हो गए है (Inflation in Pakistan). अपने देश के लिए क्या इतनी कुर्बानी नहीं कर सकते. अगर यहां 9 फीसदी महंगाई है, मैं 100 निवाले खाता हूं आटे के, तो अगर 9 निवाले कम खा लूं तो अपनी कौम के लिए मैं 9 निवालों की कुर्बानी नहीं कर सकता.'
अमेरिकी मदद को लेकर भी बोले
पाकिस्तानी मंत्री ने आगे अमेरिका को लेकर भी बयान दिया (Pakistan Minister on Inflation). उन्होंने कहा, 'हमें फैसला लेना है, हमें आजाद होना है, हमें अपने बच्चों को वो पाकिस्तान देना है, जिसमें वो पैदा होते ही कर्जदार ना हो जाए. किसी के गुलाम ना हों. ये नहीं हो कि अमेरिका से पैसे लेने हैं, अमेरिका ने कहा ड्रोन अटैक करो, हमने अपने 30 लाख लोगों को वहां मार दिया और उसके बाद अजनबी बना दिया. इसलिए इमरान खान ने कहा कि मैं अपने फैसले खुद करूंगा, पैसे नहीं देने मत दो.' अली अमीन गंडापुर ने पाकिस्तान की ताजा स्थिति के लिए यहां की दूसरी सरकारों को जिम्मेदार ठहराया.
शासन करने वालों पर लगाया आरोप
मंत्री ने कहा, 'हमारे पूर्वजों ने एक स्वतंत्र देश पाने के लिए काफी कुर्बानी दी, लेकिन शासन करने वालों ने कर्ज लिया, उसका भुगतान नहीं किया और देश को कर्ज में छोड़ दिया.' इस बीच पाकिस्तान की अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) ने इमरान खान सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू कर दी है और दावा किया है कि उन्होंने आम चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा नहीं किया है (Food Prices Rise in Pakistan). पख्तून राष्ट्रवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता गुलाम अहमद बिलौर ने कहा कि इमरान खान सरकार के कार्यकाल में खाद्य वस्तुओं, पेट्रोलियम उत्पादों और रोजमर्रा के दूसरे सामान की कीमतें लगभग दोगुनी हो गई हैं.
Next Story