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लिंगवाद नहीं रोक पाया अमेरिका का सबसे पुराना वर्जीनिया मिलिट्री इंस्टीट्यूट

Subhi
3 Jun 2021 1:21 AM GMT
लिंगवाद नहीं रोक पाया अमेरिका का सबसे पुराना वर्जीनिया मिलिट्री इंस्टीट्यूट
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अमेरिका में सैन्य संस्थान पर एक बार फिर नस्लवाद और यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं।

अमेरिका में सैन्य संस्थान पर एक बार फिर नस्लवाद और यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। भारतीय समयानुसार बुधवार को जारी एक सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्जीनिया मिलिट्री इंस्टीट्यूट न सिर्फ संस्थागत नस्लवाद और लिंगवाद को रोकने में विफल रहा बल्कि उसमें संलिप्त भी रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें बदलाव के लिए संस्थान को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

स्टेट काउंसिल ऑफ हायर एजुकेशन फॉर वर्जीनिया के अनुरोध पर एक स्वतंत्र कानूनी फर्म द्वारा एक साथ रखी गई 145 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि नस्लीय गालियां और चुटकुले सामान्य नहीं हैं। इनसे अल्पसंख्यकों के प्रति शत्रुता का माहौल भी बनता है। अमेरिकी जनरल जॉर्ज पैटन को शिक्षित करने वाला दो सदी पुराना यह संस्थान देश के नस्लवाद और लिंगवाद के इतिहास से भी जुड़ा रहा है।
रिपोर्ट में पाया गया कि कैडेटों के बीच एक नस्लीय असमानता मौजूद है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश के सबसे पुराने इस सरकारी सैन्य कॉलेज में यौन उत्पीड़न अभी भी जारी है। एक सर्वेक्षण में पाया गया कि 14 प्रतिशत महिला कैडेटों ने यौन उत्पीड़न की सूचना दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस जांच के दौरान उजागर हुए नस्लवादी और महिला विरोधी कृत्य व नतीजे परेशान करने वाले हैं।
एथलीट और गैर-एथलीटों में भी दरार

स्वतंत्र कानूनी फर्म द्वारा की गई जांच में अन्य कई चिंताएं भी शामिल की गई हैं। इसमें एथलीटों और गैर-एथलीटों के बीच दरार को लेकर भी चिंता जाहिर की गई है। इसमें बताया गया है कि एथलीट का अर्थ यहां अफ्रीकी-अमेरिकी माना जाता है जो गलत धारणा को जन्म देता है। स्कूल के पहले अश्वेत अधीक्षक सेवानिवृत्त अमेरिकी सेना के मेजर जनरल सेड्रिक विंस ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

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