विश्व
अमेरिका की नजर तमाम प्रतिबंधों के बाद भी रूस के स्वर्ण भंडार पर पड़ा
Deepa Sahu
24 March 2022 1:22 PM GMT
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यूक्रेन पर रूस के हमले के तुरंत बाद से ही अमेरिका और उसके मित्र देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध थोपने शुरू कर दिए थे.
वॉशिंगटन: यूक्रेन पर रूस के हमले के तुरंत बाद से ही अमेरिका और उसके मित्र देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध थोपने शुरू कर दिए थे. यह अलग बात है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अब डॉलर के सामने गिरते रूबल को उठाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं. इसके तहत पुतिन ने साफतौर पर कह दिया है कि गैर मित्र देशों को तेल-गैस की खरीद के लिए भुगतान रूबल में ही करना होगा. पुतिन के इस कदम के बाद अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने रूस के 132 अरब डॉलर के सोने के भंडार को फ्रीज करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है.
सीनेटरों की बैठक में हुई चर्चा
इस कड़ी में जेनेट येलेन ने सीनेटरों के एक द्विदलीय समूह के साथ बैठक भी की है. इसमें रूस के 132 अरब डॉलर के सोने के भंडार को फ्रीज करने के प्रयासों पर चर्चा हुई. विभाग के प्रवक्ता ने कहा, 'सचिव येलन नियमित रूप से कानून पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस के सदस्यों के साथ मिलती हैं. इसके अलावा ट्रेजरी कर्मचारी अक्सर प्रतिबंधात्मक बिलों पर तकनीकी सहायता देने पर राय-मशविरा देते हैं.' इस कड़ी में बताते हैं कि सीनेटर एंगस किंग ने दावा किया कि इस सप्ताह की शुरुआत में सीनेट इस संबंध में कानून पारित कर सकता है.
पुतिन गिरते रूबल को संभालने के लिए कर सकते स्वर्ण भंडार का प्रयोग
अमेरिका की यह पहल अब यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई के लिए क्रेमलिन को दंडित कर उसके सोने के बड़े भंडार का मुद्रीकरण करके उसकी अर्थव्यवस्था पर पश्चिमी प्रतिबंधों के प्रभाव को कम करने के अवसर से मास्को को वंचित करना है. रूस की विशाल सोने की आपूर्ति उन कुछ शेष संपत्तियों में से एक है जो पुतिन अपने देश की अर्थव्यवस्था को और भी गिरने से रोकने के लिए उपयोग कर सकते हैं. इन भंडारों को मंजूरी देकर हम रूस को दुनिया की अर्थव्यवस्था से अलग-थलग कर देंगे और पुतिन की बढ़ती मुश्किलों को और बढ़ाएंगे. इस पहल के पीछे अमेरिकी राजनेताओं का मानना है कि मास्को अपनी राष्ट्रीय मुद्रा रूबल के अवमूल्यन में बाधा डालने के लिए सोने का उपयोग कर रहा है.
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