
अमेरिका अंतरिक्ष में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर नजर रख रहा है। उसे अंदेशा है कि अंतरिक्ष में उसकी संपत्तियों को नुकसान पहुंच सकता है। अमेरिकी स्पेस कमांड आर्मी के कमांडर जनरल जेम्स डिकिन्सन ने शुक्रवार को कहा कि पृथ्वी की निचली कक्षा में मलबा तेजी से जमा हो रहा है। ये मलबा उपग्रहों और अंतरिक्ष केंद्रों के लिए खतरा पैदा करता है। चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने 2007 में एक निष्क्रिय चीनी उपग्रह को उड़ाने के लिए मिसाइल का प्रयोग किया था। उसके इस कदम से ढेर साला मलबा फैल गया जो गंभीर खतरा बना हुआ है।
भारत ने मतदान में नहीं लिया भाग
जनरल जेम्स ने कहा कि बीजिंग का मानना है कि अंतरिक्ष न केवल उसकी आर्थिक या वैश्विक आर्थिक वातावरण के लिए ही नहीं बल्कि उसके सैन्य वातावरण के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। यही कारण है कि हम उसपर गहरी नजर रख रहे हैं क्योंकि वह अपनी क्षमता में लगातार वृद्धि कर रहा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है कि देश डाइरेक्ट-एसेंट एंटीसेटेलाइट परीक्षण नहीं करें क्योंकि इससे अंतरिक्ष में मलबे का विशाल क्षेत्र तैयार होता है। इस तरह का परीक्षण करने वाले चार देशों में से अमेरिका ने इस प्रस्ताव के पक्ष में, जबिक चीन और रूस ने इसके विरुद्ध मतदान किया। भारत ने मतदान में भाग नहीं लिया।
न्यूजीलैंड की पीएम ने कहा, चीन ज्यादा आक्रामक
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा एड्रेन ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि क्षेत्र में चीन ज्यादा आक्रामक हो गया है। लेकिन उन्होंने सचेत किया कि प्रशांत क्षेत्र के छोटे देशों के साथ संबंध बनाना एक दूसरे पर हावी होने का खेल नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में चीन हाल के वर्षों में बदल गया है।