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अमेरिका ने शुक्रवार को आर्थिक आधार पर 34 और कंपनियों को काली सूची में डाल दिया है
अमेरिका ने शुक्रवार को आर्थिक आधार पर 34 और कंपनियों को काली सूची में डाल दिया है। इसमें से दस कंपनियां चीन की हैं। इस संबंध में अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने नोटिस जारी किया है। वहीं एक अन्य सूत्र का कहना है कि अमेरिकी वाणिज्य विभाग की योजना है कि इस प्रतिबंध के दायरे में और चीनी कंपनियों को भी लाया जाए और इस सूची में 14 चीनी कंपनियों को शामिल किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि चीन के स्वायत्त प्रांत शिनजियांग में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों और उच्चस्तरीय तकनीकी निगरानी के कारण यह कड़ी कार्रवाई की गई है। चीन के अलावा भी विश्व के कई देशों पर कार्रवाई हुई है। अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने पिछले महीने ही घोषणा की थी कि मुस्लिम उइगर मुसलमानों और हानों पर जुल्म करने के खिलाफ चीनी कंपनियों पर यह कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच चीनी उप राष्ट्रपति वांग किशान ने सरकारी इंटरव्यू में कहा कि चीन और अमेरिका के बीच मतभेद बातचीत और परामर्श से सुलझाए जाने चाहिए। अध्ययनकर्ताओं ने दावा किया है कि चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र में हाल के वर्षों में पुनः शिक्षा शिविरों में करीब 10 लाख लोगों को बंद रहने का अनुमान है जिनमें से ज्यादातर उइगर मुस्लिम हैं। चीन के अधिकारियों पर आरोप है कि वे यहां लोगों से जबरन मजदूरी कराते हैं।
चीन पर आरोप है कि उसने उइगर मुस्लिमों के लिए व्यवस्थित तौर पर जन्म नियंत्रण का तंत्र बना रखा है। वहीं उत्पीड़न के साथ-साथ कैद माता-पिता से बच्चों को अलग रखने का आरोप है। वहीं चीन लगातार लाखों उइगर मुस्लिमों को हिरासत शिविरों में रखने के आरोपों से इनकार करता रहा है। चीन इन हिरासत कैंपों को सुधार शिविर बताता है। उसका कहना है कि धार्मिक उन्माद से लोगों को दूर रखने के लिए ये कैंप शिक्षा शिविर के तौर पर काम करते हैं।
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