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अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने भाषण के दौरान कुछ इस अंदाज में की ट्रंप को सलाम, जानें क्या कहा

Neha Dani
21 Jan 2021 3:57 AM GMT
अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने भाषण के दौरान कुछ इस अंदाज में की ट्रंप को सलाम, जानें क्या कहा
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अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर जो बाइडेन ने कल शपथ ली.

अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर जो बाइडेन ने कल शपथ ली. इस शपथ के साथ ही डोनाल्ड ट्रंप की विदाई हुई और बाइडेन का व्हाइट हाउस में गृह प्रवेश हुआ. इसी महीने हिंसा के तौर पर लोकतंत्र की चुनौतियों से जूझते सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश की कमान संभालते ही बाइडेन ने डेमोक्रेसी पर बात की और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सलाम किया.

जो बाइडेन एक ऐसे वक्त में राष्ट्रपति बने हैं, जब अमेरिकी लोकतंत्र, उसका सिस्टम खुद उसी के लोगों से खतरे में है. ऐसे में अविश्वास के संक्रमण को दूर करने के लिए जो बाइडेन ने डिमोक्रेसी की वैक्सीन लगाने का इरादा जताया. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि आज हम एक उम्मीदवार की जीत का जश्न नहीं मना रहे, बल्कि लोकतंत्र के लिए जश्न मना रहे हैं.
जो बाइडेन को जज जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने शपथ दिलाई. उन्होंने अपने परिवार की बाइबल पर हाथ रखकर शपथ ली है और जनता को याद दिलाया कि अमेरिकी ड्रीम के लिए लोकतंत्र कितना जरूरी है. बाइडेन ने कहा कि हमें एक बार फिर इस बात का एहसास हो गया है कि लोकतंत्र बहुमूल्य है और इन चुनौतियों के बीच लोकतंत्र एक बार फिर कामयाब हुआ है.
वॉशिंगटन में हुआ ये शपथ ग्रहण कई वजहों से अनोखा था, जिसमें जनता की जगह झंडे थे, न राष्ट्रपति स्वागत के लिए लाखों की भीड़ थी, बस एक अजीब सी खामोशी थी और कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग. बाइडेन के इस शपथ ग्रहण में सिर्फ 1200 लोग शामिल हुए. असली रिकॉर्ड तो डोनाल्ड ट्रंप ने बनाया, जो शपथग्रहण से नदारद रहे.
नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में शामिल न होने वाले डोनाल्ड ट्रंप चौथे अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए. जो बाइडेन के शपथ लेने से पहले ही ट्रंप व्हाइट हाउस छोड़कर हेलिकॉप्टर से एंड्र्यूज एयरबेस पहुंचे और वहां से अपनी सरकार की पीठ ठोक कर फ्लोरिडा के अपने रिजॉर्ट रवाना हो गए.
डोनाल्ड ट्रंप की इस बेरुखी से बावजूद जो बाइडेन ने न सिर्फ उनका बिना नाम लिए जिक्र बल्कि उन्हें सलाम भी किया. बाइडेन ने कहा कि कुछ दिन पहले ही यहां पर हुई हिंसा ने कैपिटल की बुनियाद को हिला दिया था, जबकि दो सौ साल से सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण हो रहा था. मैं दोनों दलों के पूर्व राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, उस प्रेसिडेंट को भी सलाम, जो यहां नहीं आए, लेकिन उन्हें अमेरिका की सेवा करने का मौका मिला.


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