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बीजिंग,(आईएएनएस)| कई अमेरिकी परिवारों के लिए 27 मार्च एक बेहद दुखद दिन था। उस सुबह अमेरिका के टेनेसी स्टेट के नैशविले के एक प्राइमरी स्कूल में हुई गोलीबारी में 9 साल की उम्र के तीन बच्चों और तीन वयस्कों की जान चली गई। मई 2022 में टेक्सास स्टेट के रॉब एलीमेंट्री स्कूल में शूटिंग घटना के बाद से यह अमेरिका में सबसे घातक स्कूल शूटिंग घटना थी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस तरह की त्रासदी हर परिवार के लिए सबसे बुरा सपना है।
दु:स्वप्न बार-बार हो रहा है। इसका क्या कारण है? 28 मार्च को चीनी अधिकारियों द्वारा जारी 2022 अमेरिका में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर रिपोर्ट ने दुनिया के सामने सच्चाई का खुलासा किया।
18 हजार शब्दों की यह रिपोर्ट कई ज्वलंत मामलों और विस्तृत डेटा का उपयोग कर पिछले एक साल में अमेरिकी लोगों के मूल अधिकारों और स्वतंत्रता के हनन के तथ्य बताती है। इससे पता चलता है कि अमेरिका में मानवाधिकारों की स्थिति खराब हो गयी है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अमेरिका में गोलीबारी बच्चों की मौत का प्रमुख कारण बन गई है। स्कूल की गोलीबारी ने न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा में अमेरिकियों के विश्वास तोड़ दिया है, बल्कि एक बार फिर मानवाधिकार रक्षकों के पाखंड और शमिर्ंदगी को उजागर किया है। लेकिन मानवाधिकार रक्षकों की पीड़ा यहीं समाप्त नहीं होती है।
नागरिकों की व्यक्तिगत सुरक्षा की गारंटी देने में असमर्थता से, अमेरिकी शैली का चुनाव अमीरों के लिए एक खेल बन गया है। नस्लीय भेदभाव की तीव्रता से लेकर अमीरों और गरीबों के बीच की खाई को और चौड़ा करने तक, इन सभी ने घरेलू लोकतंत्र और मानवाधिकारों के प्रति अमेरिकियों की धारणा को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है।
एनबीसी न्यूज द्वारा 9 नवंबर को जारी किए गए सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, 72 प्रतिशत डेमोक्रेटिक मतदाता, 68 प्रतिशत रिपब्लिकन मतदाता और 70 प्रतिशत मध्यम मतदाता मानते हैं कि लोकतंत्र खतरे का सामना कर रहा है।
लोग आम तौर पर अमेरिकी लोकतंत्र और मानवाधिकारों से निराश क्यों होते हैं? इसमें दो अहम शब्द शामिल हैं: एक पैसा है और दूसरा पार्टी संघर्ष है। अमेरिका में राजनीति पूंजी द्वारा अपहृत की गयी है और पैसे से जुड़ी है। जब अमेरिका के चुनावों में लोगों की वास्तविक शक्ति का अभाव होता है, तो उनकी भलाई और जीवन और मृत्यु की चिंता कौन करेगा? तथाकथित लोगों का, लोगों द्वारा और लोगों के लिए स्वाभाविक रूप से खोखली बात बन गई है।
पार्टी संघर्ष को देखें, पिछले तीन दशकों में, राजनीतिक ध्रुवीकरण अमेरिकी राजनीति की सबसे प्रमुख विशेषताओं में से एक बन गया है। जब राजनीतिक दलों और समूहों के हित सर्वोपरि होते हैं, तो लोगों के हितों को एक तरफ ही खड़े होना पड़ेगा।
देश में मानवाधिकारों की स्थिति खराब है। अमेरिका सरकार ने इस पर आंखें मूंद लीं हैं। इसके बजाय, इसने मानवाधिकारों को हथियार बनाया, अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में टकराव, विभाजन और अराजकता पैदा की। तथ्यों ने बार-बार साबित किया है कि बहाना कितना भी बड़ा क्यों न हो, अमेरिका सरकार घर में विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग के हितों की रक्षा करने और विदेशों में आधिपत्य कायम करने के अपने असली उद्देश्य को नहीं छिपा सकती है। अपने ही देश में मानवाधिकारों की गड़बड़ का सामना करते हुए, अमेरिकी राजनेताओं के पास दूसरे देशों पर उंगली उठाने का क्या अधिकार है? अमेरिकी शैली का मानवाधिकार अमेरिकियों के लिए सबसे बुरा सपना और पूरी दुनिया के लोगों के लिए दुस्वप्न है।
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Rani Sahu
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