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परमाणु कचरे से अमेरिकी स्टार्टअप ने बनाई महाशक्तिशाली बैट्री... 28000 साल तक चलती रहेगी

Deepa Sahu
7 April 2021 2:26 PM GMT
परमाणु कचरे से अमेरिकी स्टार्टअप ने बनाई महाशक्तिशाली बैट्री... 28000 साल तक चलती रहेगी
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अमेरिका के एक स्टार्टअप

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: वॉशिंगटन : अमेरिका के एक स्टार्टअप ने परमाणु कचरे का प्रयोग कर एक महाशक्तिशाली बैट्री बनाई है। इस बैट्री को 28000 साल तक चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। रिपोर्ट के अनुसार, न्यूक्लियर वेस्ट से निकले रेडियोएक्टिव आइसोटोप्स को नैनोडायमंड्स की अल्ट्रा-स्लिम परतों के साथ मिलाकर बैट्री का आकार दिया गया है। इस बैट्री की इतनी ताकत के है कि यह इंसानों की 400 पीढ़ियों को बिना रिचार्ज के पावर सप्लाई कर सकती है।

2023 तक बैट्री का प्रोडक्शन शुरू करने का दावा
नैनो डायमंड बैट्री (NDB) का दावा है कि रेडियोएक्टिव यह बैट्री इंसानों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। स्टार्टअप ने यह भी दावा किया है कि अगले दो साल के भीतर हम इस बैट्री का प्रोडक्शन शुरू कर देंगे। शुरुआती तौर पर इसे अंतरिक्ष एजेंसियों के लंबी अवधि के मिशनों सहित अपने कॉमर्शियल पार्टनर्स के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
मोबाइल या इलेक्ट्रिक कार को 10 साल तक देगा पावर

कंपनी इस बैट्री के कस्टमर वर्जन पर भी काम कर रही है, जो 10 साल से भी अधिक समय तक बिना रिचार्ज के स्मार्टफोन या इलेक्ट्रिक कार को पावर दे सकता है। कंपनी ने कहा कि यह न केवल हमारे उपकरणों को बार-बार रिचार्ज करने की परेशानी से बचाता है बल्कि बैट्री के निर्माण और इसके विघटन से जुड़े पर्यावरणीय की समस्याओं को भी हल करता है।
डायमंड बैट्री के पीछे यह है तकनीक
यह बैट्री रेडियोएक्टिव अपशिष्ट ग्रेफाइट से शक्ति प्राप्त करती है। ग्रेफाइट-कूल्ड परमाणु रिएक्टरों में उपयोग किया जाता है। तो बहुत पतली क्रिस्टलीय हीरे की परतों से जुड़ी हुई है। प्रत्येक इकाई में एक एकल क्रिस्टलीय हीरा होगा जो आइसोटोप से ऊर्जा को अवशोषित करता है। इन हीरों में में उच्चतम ऊर्जा-चालकता होती है, जिसका अर्थ है कि यह रेडियोएक्टिव ग्रेफाइट से बहुत जल्दी गर्मी को ट्रांसफर करती है। यह प्रक्रिया इतनी जल्दी होती है जिससे बिजली पैदा हो जाती है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला की सहायक कंपनी गैम्बिट एनर्जी स्टोरेज टेक्सास के ब्रेज़ोरिया काउंटी में एक बैट्री एनर्जी स्टोरेज प्रॉजक्ट को विकसित कर रही है। यह कंपनी टेस्का की इलेक्ट्रिक कारों के लिए भी बैट्री का निर्माण करती है। इस प्रणाली को टेक्सास के स्टेट पावर ग्रिड ऑपरेटर इलेक्ट्रिक रिलायबिलिटी काउंसिल ऑफ टेक्सास (ERCOT) में रजिस्टर भी करवाया गया है। ERCOT ने इस कंपनी को 1 जून 2021 तक अपने इस प्रोजक्ट को व्यवसायिक रूप से शुरू करने का निर्देश दिया है। शुरुआत में इस प्रॉजक्ट के जरिए 100 मेगावाट की बिजली को स्टोर किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इतनी बिजली गर्मियों में टेक्सास के लगभग 20 हजार घरों को रोशन करने के लिए पर्याप्त है।
इस महाविशाल बैट्री को सीधे राज्य की इलेक्ट्रिक ग्रिड से चार्ज करने के लिए सेट किया जाएगा। जब भी बिजली सप्लाई होगी, यह बैट्री अपनेआप ही चार्ज होती रहेगी। जब भी बिजली की कीमतें सस्ती होंगी तब इस बैट्री को चार्ज के लिए जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद जब कभी टेक्सास में बिजली की सप्लाई घटेगी, इसके जरिए लोगों के घरों तक ऊर्जा को सीधे पहुंचाया जाएगा। स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि यह बैट्री लोकल इलेक्ट्रिक सिस्टम को ऑनलाइन लाने में मदद कर सकती है ताकि ब्लैकआउट या प्राकृतिक आपदा के दौरान इलेक्ट्रिक जनरेटर शुरू किया जा सकें।
ह्यूस्टन से लगभग 40 मील की दूरी पर एंग्लटन में परियोजना शुरू में प्लस पावर द्वारा प्रस्तावित किया गया था। हालांकि इस कंपनी ने एक गुप्त खरीदार को यह प्रॉजक्ट बेंच दिया है। एंग्लॉन शहर में करीब 3000 लोग रहते हैं। पावर प्लस और शहर के एंग्लटन के कर्मचारियों ने स्टोरिंग पार्क पर चर्चा करने के लिए जनवरी 2020 में एक बैठक की थी। जिसमें शामिल टेस्ला के अधिकारियों ने प्रतीकात्मक तस्वीरों के जरिए यह बताया था कि विकसित होने के बाद यह साइट कैसी दिखेगी। ब्लूमबर्ग ने यह भी बताया कि निर्माण के दौरान साइट पर एक टेस्ला लोगो दिखाई दे रहा था। हालांकि, टेस्ला ने अभी तक इस प्रॉजक्ट को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
दस्तावेजों में बताया गया है कि इस परियोजना को मौजूदा एंग्लटन सबस्टेशन के माध्यम से ग्रिड से जोड़ा जाएगा। इसके लिए पहले से प्रूवन, विश्वसनीय और सुरक्षित लिथियम-आयन बैट्री का उपयोग किया जाएगा। बनने के बाद भी यह परियोजना मानवरहित होगी जिसकी निगरानी दूर से की जाएगी। इससे पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। अधिकारियों ने बताया है कि इस परियोजना के जरिए भविष्य न केवल ब्लैकआउट से निपटा जा सकता है, बल्कि ऊर्जा के सस्ती और टिकाऊ तकनीक को भी विकसित किया जा सकता है। टेस्ला पहले से ही दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में एक बैटरी परियोजना को संचालित कर रही है। इस परियोजना को 2017 को लॉन्च किया गया था। इस साइट पर विंड टरबाइन से बनने वाली बिजली की अधिकता होने पर स्टोर किया जाता है। इस परियोजना की सफलता से उत्साहित टेस्ला अब अमेरिका में भी ऐसे प्रॉजक्ट को लॉन्च करने जा रही है।
बताया जा रहा प्रूव कॉन्सेप्ट डिज़ाइन
ये डायमंड लेयर्स न केवल चार्ज जमा करती हैं, बल्कि विकिरण के रिसाव को भी रोकती हैं। इस स्टार्टअप ने यहां तक दावा किया है कि इससे इतनी कम मात्रा में विकिरण फैलेगा, जिससे इंसानी जान को कोई खतरा नहीं होगा। फर्म ने अभी तक बैटरियों का उत्पादन नहीं किया है, लेकिन "डायमंड न्यूक्लियर वोल्टाइक" नामक एक प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट डिज़ाइन है।
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