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अमेरिका कोसोवो में फंसे कुछ अफगान नागरिकों को लौटाएगा, तालिबान के काबिज होते ही छोड़ा था काबुल

Renuka Sahu
21 Nov 2021 1:13 AM GMT
अमेरिका कोसोवो में फंसे कुछ अफगान नागरिकों को लौटाएगा, तालिबान के काबिज होते ही छोड़ा था काबुल
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फाइल फोटो 

अमेरिका की बाइडन प्रशासन कोसोवो के अमेरिकी सैन्य बेस कैंप बांडस्टील में फंसे कुछ अफगान नागरिकों को वापस भेजने की योजना पर विचार कर रहा है, जो गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के तहत मंजूरी हासिल करने में विफल रहे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका की बाइडन प्रशासन कोसोवो के अमेरिकी सैन्य बेस कैंप बांडस्टील में फंसे कुछ अफगान नागरिकों को वापस भेजने की योजना पर विचार कर रहा है, जो गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के तहत मंजूरी हासिल करने में विफल रहे। मामले की जानकारी रखने वाले अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि उन्हें अफगानिस्तान वापस भेजना इस समय एकमात्र विकल्प दिखाई दे रहा है। हालांकि, इसको लेकर कुछ जटिल कानूनी सवाल भी हैं।

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों को पूरी योजना बनानी है कि यदि ये अफगान नागरिक अमेरिकी सुरक्षा जांच की मंजूरी हासिल करने में विफल रहते हैं तो उन्हें अफगानिस्तान में कहां पर बसाया जाए? कोसोवो में ऐसे अफगान नागरिक फंसे हैं, जो स्थायी रूप से किसी देश में नहीं रह रहे हैं और अमेरिकी सुरक्षा जांच में विफल रहे हैं। सैकड़ों अफगानिस्तानी इस समय कोसोवो के सैन्य कैंप में फंसे हुए हैं। इन्हें अगस्त में भारी अराजकता के बीच अफगानिस्तान से निकाला गया था।
अगस्त में अफगानिस्तान पर तालिबान ने पूरी तरह अपना कब्जा कर लिया। इसके बाद से ही हजारों अफगान नागरिक अमेरिका में अस्थायी तौर पर प्रवेश की जद्दोजहद में हैं। 28 हजार से अधिक अफगान नागरिकों ने मानवीय आधार पर अमेरिका में अस्थायी प्रवेश की अनुमति के लिए आवेदन किया है। इनमें से करीब 100 को मंजूरी मिल भी चुकी है। अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा के अधिकारियों ने बताया कि मानवीय आधार पर इस तरह के आवेदनों में तेजी आई है। इनके निपटारे में जूझना पड़ रहा है। इसलिए इस काम के लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की तैयारी है।
अमेरिका में रहने वाले इन आवेदकों के समर्थक अफगान परिवारों और आव्रजन समूहों का कहना है कि मंजूरी की धीमी गति से उनके लोगों की सुरक्षा खतरे में है। ऐसे लोग अफगानिस्तान में पश्चिमी गठबंधन का समर्थन करने के कारण अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद बड़ी संख्या में ऐसे अफगान नागरिक डर के माहौल में रह रहे हैं, जिन्होंने अमेरिका के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना की मदद की थी।

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