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रूस और चीन के बीच उभरते नए गठजोड़ से अमेरिका चिंता में आ गया, पश्चिम के माथे पर भी आया पसीना

Bhumika Sahu
6 Feb 2022 4:08 AM GMT
रूस और चीन के बीच उभरते नए गठजोड़ से अमेरिका चिंता में आ गया, पश्चिम के माथे पर भी आया पसीना
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रूस और चीन को करीब आते देख अमेरिका को अब चिंता होने लगी है। इस नए गठजोड़ ने पश्चिम के माथे पर भी बल ला दिए हैं। अमेरिका इस गठजोड़ को अपने लिए सही नहीं मान रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस और यूक्रेन का मुद्दे के चलते जहां यूरोप और एशिया में तनाव की स्थिति है वहीं दूसरी तरफ रूस और चीन के बीच उभरते नए गठजोड़ से अमेरिका चिंता में आ गया है। अमेरिका में तैनात रूस के राजदूत एनातोली एंतनोव का कहना है कि अमेरिका में इसको लेकर चिंता बढ़ने लगी है कि रूस और चीन के बीच नजदीकी आ रही है। अमेरिका इसको अपने लिए भविष्‍य में उभरते एक बड़े खतरे के रूप में देख रहा है।

बता दें कि शुक्रवार को रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी। राष्‍ट्रपति पुतिन विंटर ओलंपिक गेम्‍स 2022 के समारोह में हिस्‍सा लेने बीजिंग पहुंचे थे। इस दौरान दोनों देशों के बीच जहां बड़े व्‍यापारिक समझौते हुए वहीं अन्‍य मुद्दों पर भी चर्चा हुई थी। यूक्रेन के साथ उभरे तनाव के बीच राष्‍ट्रपति पुतिन का चीन पहुंचने के कई मायने निकाले जा रहे हैं। जानकारों की राय में अमेरिका के खिलाफ ये एक नए गठजोड़ की शुरुआत हो रही है। राष्‍ट्रपति पुतिन और राष्‍ट्रपति शी के बीच आई इस नजदीकी ने अमेरिका के माथे पर पसीना लाने का काम किया है। इस पर केवल अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरा पश्चिमी जगत भी चिंता में आ गया है।
सोलोयोव लाइव शो के दौरान एंतनोव ने चीन और रूस के बीच आई नजदीकी और इसके प्रभाव से संबंधित प्रश्‍न पूछे जाने पर कहा कि हां ये सच है कि इस मुलाकात के मीडिया में कई नकारात्‍मक मायने निकाले गए हैं। इसकी वजह केवल दोनों देशों का करीब आना है। उन्‍होंने कहा कि रूस अमेरिका के लगाए गई प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। ये सब कुछ कांग्रेस की पार्टी लाइन से अलग हो रहा है। दुर्भाग्‍य से बिना कुछ कहे हमने सभी प्रतिबंधों को मंजूर किया है। उन्‍होंने इस मौके पर ये भी कहा कि रूस के साथ इस तरह का व्‍यवहार बेहद दुर्भाग्‍यपूर्ण रहा हे।
चीन के विदेश मंत्रालय के मुताबिक रूस और चीन के बीच हुई मुलाकात में जिन बड़े मुद्दों पर बातचीत हुई थी उनमें रणनीतिक सुरक्षा और स्थिरता और दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाई पर लेन जाना प्रमुख था।


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