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यूक्रेन में जैविक हथियार बनवा रहा था अमेरिका, हमले के बाद नष्ट किए सारे सबूत

Subhi
10 March 2022 12:57 AM GMT
यूक्रेन में जैविक हथियार बनवा रहा था अमेरिका, हमले के बाद नष्ट किए सारे सबूत
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रूस ने अमेरिका पर यूक्रेन में जैविक हथियार बनाने के सनसनीखेज आरोप लगाया है। रूसी अधिकारियों ने कहा, अमेरिका दुनिया को यह स्पष्ट करे कि उसने हमारे पड़ोस में सैन्य जैविक हथियार कार्यक्रम क्यों चला रखा था, जिसमें एंथ्रेक्स और प्लेग जैसे रोगों के घातक रोगाणु विकसित किए जा रहे थे।

रूस ने अमेरिका पर यूक्रेन में जैविक हथियार बनाने के सनसनीखेज आरोप लगाया है। रूसी अधिकारियों ने कहा, अमेरिका दुनिया को यह स्पष्ट करे कि उसने हमारे पड़ोस में सैन्य जैविक हथियार कार्यक्रम क्यों चला रखा था, जिसमें एंथ्रेक्स और प्लेग जैसे रोगों के घातक रोगाणु विकसित किए जा रहे थे।

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा, रूस को यूक्रेन में अपने 'सैन्य ऑपरेशन' के दौरान वहां जैविक हथियार बनाने के मजबूत सबूत मिले हैं। जखारोवा ने कहा, खुद अमेरिकी उप विदेश मंत्री विक्टोरिया नूलैंड ने रूस की बात पर मुहर लगा दी है। प्रवक्ता के मुताबिक, जैविक हथियार रूस पर खतरा बढ़ाने का जरिया है, जिसे पेंटागन वित्तीय मदद दे रहा था।

जखारोवा ने बताया, 24 फरवरी के बाद यूक्रेन ने प्लेग हैजा और एंथेक्स व अन्य सैंपल नष्ट कर दिए थे। पेंटागन की रक्षा खतरा न्यूनीकरण एजेंसी यूक्रेन में जैविक हथियार बनवाने में लिप्त थी। 30 प्रयोगशालाओं के लिए अमेरिका ने 20 करोड़ डॉलर (साढ़े 15 अरब रुपये) खर्च किए।

बड़े भाई की भूमिका में भारत: पाकिस्तान समेत कई पड़ोसी देशों के नागरिकों को यूक्रेन से निकाला

यूक्रेन-रूस युद्ध में विमानों से बमबारी और मिसाइल हमलों के बीच भारत अपने नागरिकों के साथ पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी बचाकर बड़े भाई की भूमिका निभा रहा है। कीव में भारतीय दूतावास ने अब तक 24 विदेशी नागरिकों को बचाया है। ऑपरेशन गंगा के दौरान की गई इस मदद के लिए पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और उत्तरी अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया के प्रमुख नेता व आम नागरिकों ने भारत को शुक्रिया कहा।

पाकिस्तान की रहने वाली आस्मा शफीक ने भारतीय दूतावास के अधिकारियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुश्किल हालात से निकालने के लिए एक वीडियो बनाकर शुक्रिया कहा। यह वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर बहुत चर्चित हुआ। विदेश मंत्रालय के अनुसार नेपाल, बांग्लादेश व अन्य देशों के नागरिकों को भी निकाला जा रहा है। 22 फरवरी से भेजी जा रही उड़ानों में 18 हजार भारतीयों को वापस लाया गया है। ब्यूरो

शेख हसीना ने कहा, सच्चा पड़ोसी

भारत ने बांग्लादेश के भी 13 नागरिक निकाले हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी प्रधानमंत्री मोदी को शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा भारत ने सच्चे पड़ोसी का दायित्व निभाया।

पाकिस्तान की आस्मा ने कहा.. शुक्रिया मोदी जी!

'हलो.. मेरा नाम आस्मा शफीक है। मैं पाकिस्तान से हूं। मैं कीव में भारतीय दूतावास की बेहद आभारी हूं क्योंकि उन्होंने हमें यहां तक आने में मदद की। हम बहुत मुश्किल स्थिति में फंस गए थे। मैं भारत के प्रधानमंत्री को भी शुक्रिया कहना चाहती हूं, हमें मदद करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया। उम्मीद है अब हम सुरक्षित घर पहुंच जाएंगे, यह सब भारतीय दूतावास की मदद से संभव हुआ।'- (आस्मा के अंग्रेजी संदेश का हिंदी अनुवाद)

तिरंगा लहराते निकले थे पाकिस्तान-तुर्की के विद्यार्थी इससे पहले यूक्रेन से निकलने के लिए पाकिस्तान और तुर्की के विद्यार्थियों ने तिरंगे का सहारा लिया था। उन्होंने बताया था कि ऐसा करने से उन्हें समय पर मदद मिली और लोगों के गुस्से से बच सके।

नेपाल के 8 नागरिक बचाए

नेपाल के रोशन झा ने भी अपने संदेश में भारत को शुक्रिया कहा। काठमांडो में भारतीय दूतावास ने बताया कि सात अन्य नेपाली नागरिकों को पोलैंड से भारत लाया जा रहा है। ट्यूनीशिया के 2 नागरिकों की भी जान बचाया गया।


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