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अमेरिका ने लिया चीन से बदला, 30 जनवरी से लागू होगा फैसला

Neha Dani
22 Jan 2022 7:42 AM GMT
अमेरिका ने लिया चीन से बदला, 30 जनवरी से लागू होगा फैसला
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गौरतलब है कि ताइवान सहित कई मुद्दों को लेकर अमेरिका और चीन में तनाव चल रहे हैं.

अमेरिका और चीन के बीच विवाद (US-China Tension) बढ़ता जा रहा है. अमेरिकी सरकार ने शुक्रवार को चीन जाने वाली 44 उड़ानों को रद्द करने का फैसला लिया, जो 30 जनवरी से लागू हो जाएगा. दरअसल, कुछ दिन पहले ही चीन ने कोरोना का हवाला देते हुए कुछ अमेरिकी उड़ानों को रद्द कर दिया था. अब अमेरिका ने इसका जवाब दिया है. जो बाइडेन (Joe Biden) प्रशासन के इस फैसले से चीन की शियामेन एयरलाइंस (Xiamen Airlines), एयर चाइना (Air China), चाइना सदर्न एयरलाइंस (China Southern Airlines) और चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस (China Eastern Airlines) करियर पर असर होगा।

चीनी दूतावास ने की ये मांग
चीन ने कुछ यात्रियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद 31 दिसंबर से यूनाइटेड एयरलाइंस की 20, अमेरिकन एयरलाइंस की 10 और डेल्टा एयरलाइंस की 14 फ्लाइट्स को निरस्त कर रखा है. वॉशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू (Liu Pengyu) ने शुक्रवार को कहा कि चीन जाने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए पॉलिसी एक बराबर है. पेंग्यू ने अमेरिका के इस कदम को अनुचित बताया और कहा कि हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वे चीनी एयरलाइंस की पैसेंजर फ्लाइट को बंद न करें.
US के इस कदम से भी भड़का चीन
उधर, चीन ने अपनी कंपनियों पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने की आलोचना की है. बता दें कि अमेरिका ने कथित तौर पर मिसाइल प्रौद्योगिकी का निर्यात करने वाली चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे लेकर चीन ने परमाणु-सक्षम क्रूज मिसाइलों को बेचने के लिए अमेरिका पर पाखंड का आरोप लगाया. अमेरिका ने तीन कंपनियों पर दंड की भी घोषणा की और कहा कि वे अनिर्दिष्ट मिसाइल प्रौद्योगिकी प्रसार गतिविधियों में शामिल थीं. यूएस ने कहा कि उन्हें अमेरिकी बाजारों से और ऐसी तकनीक प्राप्त करने से रोक दिया गया है जिसका इस्तेमाल हथियार बनाने के लिए किया जा सकता है.
कई मुद्दों पर चल रहा है विवाद
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने कहा कि ये कार्रवाई पूरी तरह गलत है. चीन इसकी कड़ी निंदा करता है. उन्होंने कहा कि हम अमेरिका से अपनी गलतियों को तुरंत सुधारने, संबंधित प्रतिबंधों को रद्द करने और चीनी उद्यमों को दबाने और चीन को कलंकित करने की कोशिश से बाज आने का आग्रह करते हैं. गौरतलब है कि ताइवान सहित कई मुद्दों को लेकर अमेरिका और चीन में तनाव चल रहे हैं.



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