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अमेरिका ने आत्मघाती हमलावरों को बनाया निशाना, काबुल के ऊपर से फिर गुजरे दर्जनों रॉकेट

Neha Dani
30 Aug 2021 3:43 AM GMT
अमेरिका ने आत्मघाती हमलावरों को बनाया निशाना, काबुल के ऊपर से फिर गुजरे दर्जनों रॉकेट
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हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिकों की उम्र 20 से 31 वर्ष के बीच थी.

काबुल: अफगानिस्तान पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद हालात तेजी से बदल रहे हैं और इस बीच अमेरिका द्वारा एयरस्ट्राइक कर इस्लामिक स्टेट (ISIS) के आतंकियों को निशाना बनाया जा रहा है. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) के ऊपर से सोमवार सुबह कई रॉकेट्स (Rockets) को उड़ते हुए सुना गया.

रॉकेट्स के टारगेट का पता नहीं
न्यूज एजेंसी एएफपी ने अपने स्टाफ के हवाले से दावा किया कि काबुल (Kabul) के ऊपर से कई रॉकेट्स को उड़ते हुए सुना गया, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इन रॉकेट्स का टारगेट क्या है. बता दें कि इससे पहले रविवार को काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर अमेरिकी एयरस्ट्राइक की गई थी.
अमेरिका ने आत्मघाती हमलावरों को बनाया निशाना
काबुल में एक अमेरिकी हवाई हमले में रविवार को उस वाहन को निशाना बनाया गया, जिसमें इस्लामिक स्टेट (ISIS) के एक सहयोगी संगठन के कई आत्मघाती हमलावर सवार थे. अधिकारियों ने बताया कि ये आत्मघाती हमलावर काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अमेरिकी सेना के सैन्य निकासी अभियान को निशाना बनाना चाहते थे. हवाई अड्डे से उत्तर-पश्चिम में स्थित एक इलाके में रॉकेट हमले में एक बच्चे की मौत हो गई.
यह रॉकेट हमला ऐसे समय किया गया, जब अमेरिका अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के लिए एक ऐतिहासिक अभियान संचालित कर रहा है, जिसमें काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हजारों लोगों को निकाला गया है. बता दें कि अफगानिस्तान में दो सप्ताह पहले तालिबान के कब्जे के बाद से बहुत अराजकता की स्थिति है.
आत्मघाती हमले में मारे गए थे 180 से अधिक लोग
इस्लामिक स्टेट के एक सहयोगी संगठन द्वारा किए गए आत्मघाती हमले के बाद तालिबान ने हवाई क्षेत्र के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है. उस आत्मघाती हमले में 180 से अधिक लोग मारे गए थे. हमले में 13 अमेरिकी सैनिक भी मारे गए थे, जबकि 18 कमांडो घायल हुए थे. हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिकों की उम्र 20 से 31 वर्ष के बीच थी.


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